रायपुर:छत्तीसगढ़ में गोबर को लेकर एक बार फिर राजनीति (Politics over cow dung in Chhattisgarh) गरमा गई है. प्रदेश में जब से भूपेश सरकार (bhupesh government) ने गोबर खरीदी शुरू की है. उसके बाद से ही इसे लेकर पक्ष विपक्ष आमने-सामने हैं. कभी गोबर खरीदी में धांधली, कभी पैसों के भुगतान में गड़बड़ी, तो कभी खाद बनाने में लापरवाही जैसे आरोप सरकार पर लगते रहे हैं, लेकिन इस बार सरकार के उस फैसले का विरोध शुरू हो गया है. जिसमें किसानों को गौठानों से वर्मी कंपोस्ट खाद (vermi compost manure) खरीदना अनिवार्य किया गया है.
दो बोरी वर्मी खाद खरीदना होगा अनिवार्य
सरकार के आदेश के मुताबिक दो बोरी वर्मी खाद खरीदने की शर्त पर किसानों को यूरिया और डीएपी दी जाएगी. इस फैसले के बाद विपक्ष को बैठे-बिठाए एक और मुद्दा मिल गया है. विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार के खिलाफ हमलावर हो गई है. बीजेपी का सीधे तौर पर आरोप है कि राज्य सरकार किसानों से 2 रुपये किलो गोबर खरीद कर उन्हें वापस 10 रुपए किलो वर्मी कंपोस्ट खाद बेच रही है जो कहीं ना कहीं किसानों के साथ धोखा है.
चारा घोटाले से बड़ा होगा गोबर खरीदी घोटाला : उपासने
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है, तब से किसानों के साथ लगातार अन्याय किया जा रहा है. भूपेश सरकार 2 रुपए किलो में गोबर खरीद कर उसे वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर किसानों को ही 10 रुपए में बेच रही है. यदि सरकार वर्मी कंपोस्ट खाद खरीदी के लिए किसानों को प्रोत्साहित करती तो समझ में आता, लेकिन दवाब में फैसला देना सरासर उचित नहीं है. उपासने ने कहा कि जितना भ्रष्टाचार बिहार में लालू के चारा घोटाला में नहीं हुआ, उससे कहीं ज्यादा भ्रष्टाचार गोबर खरीदी में निकलेगा.
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जैविक खाद को लेकर बीजेपी का दिख रहा फ्रस्ट्रेशन: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शुक्ला ने कहा कि जैविक खाद को लेकर बीजेपी का फ्रस्टेशन साफ-साफ दिख रहा है. उन्होंने कहा कि 2 रुपये किलो गोबर खरीद का उसको कंपोस्ट कर 10 रुपए में बेचा जा रहा है. यह पूरी प्रक्रिया स्व. सहायता समूह के माध्यम से संचालित हो रही है इसमें सरकार नो प्रॉफिट-नो लॉस के तहत काम कर रही है. सरकार जैविक खेती की ओर छत्तीसगढ़ को ले जा रही है. रासायनिक खाद की अपेक्षा जैविक खाद का उपयोग करेंगे तो ज्यादा लाभदायक होगा. पैदावार की गुणवत्ता बढ़ेगी. इसका विरोध कर बीजेपी का छत्तीसगढ़ विरोधी चरित्र उजागर हो रहा है.
दबाव पूर्वक खाद बेचना है अनुचित: संयुक्त किसान मोर्चा
छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद का कहना है कि रासायनिक खाद के जो दुष्परिणाम हैं, उससे किसानों की जमीन बंजर होती जा रही है. उसको दूर करने के लिए जो राज्य सरकार ने रासायनिक खाद को खत्म कर कंपोस्ट खाद को प्रोत्साहन देने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई है, लेकिन सरकार को चाहिए कि वह कीमत के डिफरेंस को कम करे और अनिवार्यता को खत्म करे, जो खरीदना चाहे उसी को ही कंपोस्ट खाद दी जाए. हालांकि इसके प्रचार-प्रसार के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए.
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