रायपुर: पेगासस सॉफ्टवेयर (Pegasus) से जासूसी मामले में प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (raman singh) पर बड़े आरोप लगाए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने कहा कि जानकारी मिली थी कि पेगासस बनाने वाली कंपनी से जुड़े लोग 2017 में छत्तीसगढ़ आए थे और यहां कुछ लोगों से संपर्क किया था. इसके लिए हमने जांच समिति गठित की है. वहीं पूर्व सीएम रमन ने भी पलटवार किया है. उनका कहना है कि कांग्रेस को अब सपना आ रहा है, 4 साल कहां थे ?
सीएम बघेल ने कहा कि ये बात तो निश्चित है कि पेगासस के लोग छत्तीसगढ़ आए थे. लेकिन किससे मिले, क्या बात हुई और क्या डील हुई इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. डॉक्टर रमन सिंह बताएं कि कौन आया था और किससे डील हुई थी ? देश को ये जानने का हक है कि कितने की डील हुई थी और कितने दिनों तक जासूसी हुई थी ?
2019 में गठित की गई थी जांच समिति
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम (Congress state president Mohan Markam) ने भी पूर्व सीएम रमन सिंह पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेगासस कंपनी के लोग 2017 में आए थे. तत्कालीन रमन सरकार और पुलिस के साथ उनकी चर्चा हुई थी. इसकी जानकारी एक अखबार के माध्यम से सामने आई. इस आधार पर प्रदेश सरकार के द्वारा नवंबर 2019 में एक समिति गठित की गई थी. समिति ने इस मामले में जांच की. समिति ने जांच में पाया कि पेगासस के साथ हुई बैठक की जानकारी से जुड़े दस्तावेज जला दिए गए हैं.
पेगासस कंपनी के साथ हुई बैठक की जानकारी को लेकर मरकाम ने डॉक्टर रमन सिंह से सवाल किया कि रमन सिंह बताएं कि कंपनी के लोगों के साथ उनकी बैठक हुई थी या नहीं ? भाजपा ने कुछ गलत नहीं किया तो उसका विवरण उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए. मामले को लेकर कांग्रेस गुरुवार को राजभवन कूच करेगी और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेगी.
'4 साल कहां थे' ?