रायपुर:छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से करीब डेढ़ साल पहले सीएम अब जमीनी स्तर पर खुद हर विधानसभा का दौरा करने वाले हैं. 4 मई से सीएम बघेल का विधानसभावार दौरा शुरू होगा. इस दौरे में सीएम कांग्रेस सरकार के कामकाज का फीडबैक जनता से खुद लेंगे. इस बीच राज्य सरकार बड़े पैमाने पर छत्तीसगढ़ में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर रही है. जिले लेकर प्रदेश में सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है.
बता दें कि 14 अप्रैल को 6 आईएएस अफसरों का तबादला किया गया था. वहीं, 25 अप्रैल को भी 17 आईएएस अफसरों का तबादला किया गया. इस दौरान 2 जिलों के कलेक्टर भी बदले गए थे. 25 अप्रैल को 18 आईपीएस अधिकारियों के भी तबादले किए गए. इतना ही नहीं प्रदेश में लगभग 318 थाना प्रभारियों का भी तबादला किया गया. मार्च में भी 3 आईपीएस का तबादला किया गया था.
सियासत में नई सुगबुगाहट शुरू:लगभग 1 महीने में हुए इन तबादलों के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत में एक नई सुगबुगाहट शुरू हो गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार प्रशासनिक अमले पर कसावट लाने के लिए एक के बाद एक आईएएस और आईपीएस के तबादले कर रही है. यह बात भी सामने आ रही है कि विधानसभा चुनाव 2023 नजदीक आ रहा है और उस चुनाव को साधने के लिए अभी से ही कांग्रेस तैयारियों में जुट चुकी है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने एक आंतरिक सर्वे करवाया है. उस सर्वे के मुताबिक कई जगहों पर कांग्रेस वर्तमान परिस्थिति में कमजोर स्थिति में नजर आ रही है. उसकी मुख्य वजह है प्रशासनिक कामों में हो रही देरी या फिर लापरवाही. इन्हीं बातों को देखते हुए पिछले कुछ दिनों में हुए तबादले को देखा जा रहा है.
प्रशासनिक कसावट है जरूरी:दरअसल, कांग्रेस खुद भी मानती है कि प्रशासनिक कसावट बहुत जरूरी है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि "प्रशासनिक कसावट से ही शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से होगा. उसका लाभ लोगों को मिल सकेगा. यदि शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिला, तो सीधे तौर पर इसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिलेगा". सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि जो अधिकारी काम नहीं करेंगे, उन्हें बदला जाएगा. समय-समय पर प्रशासनिक कसावट लाने के लिए यह तबादले किए जाते हैं. इसमें कुछ नए लोगों को अवसर दिया जाता है और जो काम नहीं करते हैं उन्हें हटाया जाता है. वर्तमान में किए जा रहे तबादले को भी इसी कड़ी से जोड़ कर देखा जा रहा है"