रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्मार्ट सिटी योजना पर सियासी दंगल तेज हो गया है. यहां चौपाटी निर्माण पर जमकर राजनीति हो रही है. रायपुर से दिल्ली तक इस मुद्दे को लेकर गहमागहमी है. अब यह मामला दिल्ली तक पहुंच गया है. भाजपा नेताओं ने दिल्ली पहुंच कर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की है. इस दौरान भाजपा नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि "रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार हो रहा है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जो पैसा दिया गया है. उन पैसों को दूसरी जगह खर्च किया जा रहा है. भाजपा नेताओं ने इस सम्बंध में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी को ज्ञापन सौंपा है
छत्तीसगढ़ में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हो रही गड़बड़ी: बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि "रायपुर में लगातार स्मार्ट सिटी योजना का दुरुपयोग किया जा रहा है. यहां के एजुकेशन हब में चौपाटी का निर्माण किया जा रहा है". इस मुद्दे पर बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने रायपुर में धरना दिया. लेकिन जब उसके बाद भी चौपाटी निर्माण का काम नहीं रुका तो वह इस मामले की शिकायत करने दिल्ली पहुंचे. उनके साथ सासंद सुनील सोनी और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय भी दिल्ली गए हैं. कई पार्षद भी राजेण मूणत के साथ दिल्ली गए और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की.
Politics on smart city in Chhattisgarh : रायपुर में चौपाटी निर्माण पर सियासत, बीजेपी नेताओं ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से की शिकायत
छत्तीसगढ़ में स्मार्ट सिटी योजना पर सियासत तेज हो गई है. खासकर रायपुर में होने वाले चौपाटी निर्माण की योजना पर. इस चौपाटी निर्माण का बीजेपी लगातार विरोध कर रही है. नगर निगम और बघेल सरकार पर स्मार्ट सिटी के फंड का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रही है. अब इस मसले में बीजेपी नेताओं ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से शिकायत की है. misuse of smart city plan in cg
चौपाटी निर्माण में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप: इस पूरे मुद्दे पर राजेश मूणत ने कहा कि "हमने केंद्रीय शहरी एवं विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से चौपाटी निर्माण के मामले की शिकायत की है. स्मार्ट सिटी रायपुर के कार्यों में लगातार लापरवाही बरती जा रही है. वर्ष 2018 में स्मार्ट सिटी रायपुर का प्लान साइज 926.8 करोड रुपए का था. जिसमें 70 मुख्य परियोजनाएं और 314 परियोजनाएं स्वीकृत हुईं. सितंबर 2022 तक इस योजा में 388 करोड़ से ज्यादा का काम हुआ. लेकिन उसके बाद कई योजनाओं में लापरवाही बरती गई है. जिसकी जांच की मांग हमने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से की है."