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छत्तीसगढ़ में आरक्षण का सियासी रण, सीएम बघेल का राज्यपाल पर निशाना, महारैली का ऐलान

छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस आरपार के मूड में है Politics on reservation in Chhattisgarh. राज्यपाल के आरक्षण संशोधन विधेयक में साइन नहीं करने पर कांग्रेस तीन जनवरी से महारैली करेगी. सीएम भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर एक बार फिर राजभवन को घेरा है. cm Baghel and governor clash on reservation सीएम ने दो टूक कहा कि ''मैं उस विधिक सलाहकार को खोज रहा हूं जो विधायिका से बड़ा हो गया. राज्यपाल विधेयक को अटकाने का बहाना खोज रहीं हैं.''Congress rally on reservation

Congress rally on reservation Against Governor
छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर सियासी रार

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Published : Dec 26, 2022, 4:36 PM IST

Updated : Dec 27, 2022, 9:10 AM IST

सीएम बघेल का राज्यपाल अनुसुईया उइके पर निशाना

रायपुर:छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर सियासी घमासान छिड़ा है. Politics on reservation in Chhattisgarh. दो दिसंबर 2022 को विधानसभा के विशेष सत्र में छत्तीसगढ़ का नया आरक्षण बिल पास हुआ था. cm Baghel and governor clash on reservation दो दिसंबर को रात में सरकार की तरफ से आरक्षण विधेयक को राज्यपाल अनुसुईया उइके की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था. राज्यपाल ने इस बिल पर अपने विधिक सलाहकारों की राय ली और सरकार को दस सवाल भेजे. सीएम बघेल ने 25 दिसंबर को बयान दिया कि राज्यपाल को दस बिंदुवार सवालों के जवाब भेजे गए हैं. राज्यपाल की तरफ से इस मसले पर अभी कोई नई प्रतिक्रिया नहीं आई है. Governor Anusuiya Uikey अब सोमवार को सीएम बघेल ने रायपुर में इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करती हैं तो तीन जनवरी से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आरक्षण पर महारैली करेगी. Congress rally on reservation

राज्यपाल पर सीएम बघेल पर निशाना: सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि "विधेयक को अटकाने का राज्यपाल बहाना खोज रहीं हैं. इस मुद्दे पर तीन जनवरी को कांग्रेस महारैली करेगी. मैं उस विधिक सलाहकार को खोज रहा हूं जो विधायिका से बड़ा हो गया. राज्यपाल का विधिक सलाहकार विधानसभा से भी बड़ा हो गया है. cm Baghel and governor clash on reservation किस प्रकार से वैधानिक संस्थाओं को कमजोर या नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है, उसे समझा जा सकता है. मेरे सारे अधिकारी इस बात के विरोध में थे कि संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की राज्यपाल के सवालों का जवाब दिया जाए. इसके बाद भी मैंने राज्यपाल के ईगो को सेटिस्फाइड करने के लिए प्रदेश की जनता के हित में जवाब भेजे. फिर भी अबतक आरक्षण विधेयक को रोका जा रहा है."Governor Anusuiya Uikey

बिल टालने का बहाना ढूंढ रहे: सीएम बघेल ने कहा कि"राहुल गांधी कहते हैं कि जितने भी संवैधानिक संगठन हैं, उन्हें कमजोर किया जा रहा है. इसका यह जीता जागता उदाहरण है कि विधिक सलाहकार विधानसभा से बड़ा हो गया. "Congress rally on reservation राज्यपाल परीक्षण करने की बात कह रहीं हैं. लेकिन परीक्षण करने का काम हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट करती है. अब वह काम विधिक सलाहकार करेंगे. इसी कारण से ही आरक्षण बिल रुक रहा है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.''

24 दिसंबर को राज्यपाल ने दुर्ग में दिया था बयान: दुर्ग में राज्यपाल अनुसुइया उइके ने नए आरक्षण बिल पर 24 दिसंबर को बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि "मैं संवैधानिक पद पर हूं. नियम प्रक्रिया और कानून के तहत ही काम करूंगी. मैंने सरकार से 10 प्रश्न पूछे हैं, उसका जवाब आने के बाद ही इस विषय पर विचार करूंगी."

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इन 10 बिंदुओं पर राज्यपाल ने मांगा था जवाब

  1. क्या अनुसूचित जाति और जनजाति के संबंध में मात्रात्मक विवरण (डाटा) संग्रहित किया गया है.
  2. इंदिरा साहनी केस में उल्लेखित विशेष एवं बाध्यकारी परिस्थितियां कौन सी हैं?
  3. हाईकोर्ट के आदेश के ढाई महीने बाद ऐसी कौन सी परिस्थितियां बनीं, जिसके आधार पर आरक्षण में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई?
  4. अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्ति किस प्रकार राज्य में सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं?
  5. छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति और जनजाति के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक पिछड़ेपन को ज्ञात करने के लिए कौन सी कमेटी बनाई गई?
  6. क्वांटिफाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट राजभवन में प्रस्तुत करें.
  7. अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन में शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग का क्या अभिमत है?
  8. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए संविधान के अनुच्छेद 16(6) के तहत पृथक अधिनियम लाना चाहिए था?
  9. अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सदस्य राज्य की सेवाओं में क्या चयनित नहीं हो रहे हैं?
  10. क्या 76 प्रतिशत आरक्षण लागू करने से प्रशासन की दक्षता का ध्यान रखा गया है। इस संबंध में क्या कोई सर्वेक्षण किया

नए आरक्षण विधेयक में क्या प्रावधान हैं: नए आरक्षण विधेयक के अनुसार अब छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी आरक्षण (schedule tribe) निर्धारित किया गया है. इसके अलावा अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी आरक्षण, ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण तय किया गया है. जबकि EWS के लिए चार फीसदी रिजर्वेशन का प्रावधान है. दो दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में यह बिल पारित हुआ. उसी तारीख को यह बिल राज्यपाल को हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है. तब से सरकार और राजभवन के बीच नए आरक्षण विधेयक पर तकरार जारी है.

छत्तीसगढ़ में आरक्षण की स्थिति समझिए

जाति साल 2012 की स्थिति 19 सितंबर 2022 तक की स्थिति नया कानून पास होने के बाद अब की स्थिति
अनुसूचित जाति 16 प्रतिशत 12 फीसदी 13 प्रतिशत
अनुसूचित जनजाति 20 प्रतिशत 32 फीसदी 32 प्रतिशत
अन्य पिछड़ा वर्ग 14 प्रतिशत 14 फीसदी 27 प्रतिशत
सामान्य वर्ग गरीब - 10 फीसदी 04 प्रतिशत
कुल आरक्षण 50 फीसदी 68 फीसदी 76 फीसदी

कांग्रेस के पहले सेशन की बैठक खत्म:सीएम ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा की अध्यक्षता में चल रही कांग्रेस की बैठक का पहला सेशन समाप्त हुआ है. दूसरे सेशन में जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की बैठक होगी. बैठक में बहुत सारे निर्णय लिए गए हैं. जिनमें हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम जो 26 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. उसके बारे में उन्होंने निर्देशित किया है

Last Updated : Dec 27, 2022, 9:10 AM IST

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