रायपुर: धान का कटोरा छ्त्तीसगढ़ की सियासत भी धान के बिना अधूरी है. भाजपा हो या कांग्रेस, किसान के बिना सरकार बनाने की सोच भी नहीं सकते. किसानों को साधने के लिए दोनों ही पार्टियां अभी से एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. पिछली बार भूपेश बघेल की सरकार बनाने में किसानों का बड़ा हाथ था. तकरीबन 24 लाख पंजीकृत किसानों को कर्ज माफी और 9 हजार रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी ने लुभाया और प्रदेश कांग्रेस की सरकार बनी. इस बार भी भूपेश बघेल ने प्रति एकड़ धान खरीदी की सीमा को सीधे 5 क्विंटल बढ़ा दिया. वहीं पीएम मोदी के हालिया दौरे और केंद्र की ओर से 80 फीसदी धान खरीदने के बयान ने भाजपा को भी मौका दिया है. दोनों ही दल खुद को किसान हितौषी बताने के लिए एक दूसरे पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं.
पीएम के धान खरीदी पर दिए बयान से गर्माई सियासत: रायपुर में 7 जुलाई की रैली में पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के धान खरीदी में से 80 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार का बताया. एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और बीते 9 साल में धान किसानों को 1 लाख करोड़ से ज्यादा की धनराशि देने का दावा भी किया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कांग्रेस पर किसानों को धोखा देने और गुमराह करने का आरोप लगाया.
यहां धान की जितनी खरीद होती है, उसका 80 फीसदी से ज्यादा भारत सरकार के हिस्से का होता है. हमने ना सिर्फ धान पर एमएसपी बढ़ाई है बल्कि लाभार्भी किसानों की संख्या भी बढ़ाई है. बीते 9 साल में भाजपा की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के धान किसानों को एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा दिए हैं. इस साल भी यहां के धान किसानों को 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा दिए गए हैं. यह भाजपा ही है, जो यहां के किसानों की मेहनत को समझती है. जबकि कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ किसानों को धोखा दे रही है. -पीएम मोदी, प्रधानमंत्री
सीएम बघेल ने पीएम के दावों का किया खंडन :सीएम बघेल ने पीएम मोदी के कांग्रेस को लेकर किए गए सभी दावों का खंडन किया है. पीएम मोदी के दावों और आरोपों पर सीएम बघेल ने ट्वीट कर अपना पक्ष रखा और करारा पलटवार किया. पीएम मोदी पर धान खरीदी को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया.