रायपुर:छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या (naxal problem in chhattisgarh) लगातार नासूर बनता जा रही है. बस्तर के 2 जिलों से शुरू हुआ नक्सलवाद धीरे-धीरे पैर पसार रहा है. हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला को भी नक्सल प्रभावित जिलों में (Mungeli declared as Naxal affected district) शामिल कर लिया गया है. ये चिंता का विषय है.
प्रदेश में नक्सलियों का फैलाव लगातार बढ़ रहा है. इसके मद्देनजर मुंगेली जिले को भी एसआरई यानी सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडेचर (Security Related Expenditure) जिले की सूची में शामिल कर लिया गया है. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ द्वारा पत्र जारी किया गया है.
इससे अब साफ जाहिर है कि नक्सल समस्या से निपटने ना तो पूर्व की भाजपा सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया था और ना ही वर्तमान की कांग्रेस सरकार इसे रोकने में कामयाब रही है. यही कारण है कि नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
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क्या कहती हैं नक्सल एक्सपर्ट ?
नक्सल एक्सपर्ट वर्णिका शर्मा का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जा सकता है. एक ऐसा क्षेत्र है जो इनका स्ट्रगल स्टडी क्षेत्र होता है. दूसरा सक्रिय क्षेत्र होते हैं. जहां पर वे ऑपरेशन की गतिविधियों को अंजाम देते हैं. लोगों को अपने भ्रम और भय के जाल में उलझा देते ,हैं जहां पर अपने एजुकेटिव की नियुक्ति करते हैं यह उनका सबसे क्रीम जोन होता है.
तीसरा कॉम्बैट जोन होता है. जिसमें बस्तर के कई सुदूर क्षेत्रों को ले सकते हैं. कॉम्बैट जोन के बाद एक ऐसा जोन तैयार होता है, जिसे फ्री जोन की कैटेगरी में रखा जाता है. जिसको नक्सली अपना मुक्त दंडकारण्य क्षेत्र घोषित कर देते हैं. वहां पर वे किसी भी आमजन को घुसने की अनुमति नहीं देते हैं.
वर्तमान में जिस क्षेत्र को नक्सलियों ने चयन किया है. वह मुंगेली, कवर्धा, राजनांदगांव से होते हुए कांकेर तक न्यू लाइट स्ट्रक्चर बना रहा है. इस पर बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी. वर्णिका शर्मा ने कहा कि पहले भी यह बात सामने आई थी, उस दौरान सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. लेकिन अब वर्तमान में इसके लिए एक रणनीति के तहत काम करना होगा.
सिर्फ एक तरफ ध्यान केंद्रित करने से काम नहीं चलेगा. सेंट्रल जोन कभी भी ऑपरेशन जोन में कनवर्ट हो जाएगा. उसके पहले ही कोई बड़ा कदम उठाना पड़ेगा. अभी भी वक्त नहीं बिगड़ा है. अभी भी समय है कि अगर चौक चौबंद व्यवस्था कर देते हैं. युवाओं और व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जाती है तो निश्चित तौर पर नक्सली गतिविधियों पर नकेल कसना संभव होगा.
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प्रदेश में बढ़ रहे नक्सली जिलों को लेकर भाजपा ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि कांग्रेस ही नक्सलवाद की जन्मदाता है. जिन प्रदेशों में नक्सलवाद फला-फूला और बढ़ा. उसके लिए कांग्रेस की सरकारों का सहयोग रहा है.