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खाद की कमी पर बीजेपी ने बघेल सरकार को कोसा, कांग्रेस ने केंद्र को ठहराया जिम्मेदार - lack of fertilizers and black marketing

छत्तीसगढ़ की राजनीति काफी कुछ धान और उससे जुड़े मुद्दों पर ही आधारित है. इस बार धान खरीदी, धान बोनस, धान सड़ने समेत कई मुद्दों के साथ किसानों को खाद नहीं मिलने का मामला गरमाया हुआ है. विपक्ष का आरोप है कि यूरिया और डीएपी जैसे खादों की सरकार कालाबाजारी करा रही है और कृत्रिम रूप से कमी दिखाकर किसानों को ठग रही है.

lack of fertilizers and black marketing
खाद की कमी पर चढ़ा सियासी पारा

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Published : Jul 25, 2021, 8:47 PM IST

Updated : Jul 25, 2021, 9:08 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन में फसल की तैयारी शुरू कर दी गई है. किसान खेती के काम में जुट गया है. मानसून के आगमन के साथ ही हर साल छत्तीसगढ़ में किसान खेती के लिए खेतों की ओर दिखने लगते हैं. सरकार की ओर से किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से खाद, बीज और लोन की सुविधा दी जाती है. (Fertilizer seed shortage) कोरोना काल और लॉकडाउन के बावजूद किसान बीते सालों के मुकाबले दोगुनी तेजी के साथ फसल की तैयारी में लगे हैं. लेकिन खरीफ की खेती का सीजन शुरू होने के साथ ही किसानों के सामने खाद, बीज की समस्या बढ़ गई है.

सरकार पर कालाबाजारी के आरोप

प्रदेश में सियासत काफी कुछ धान और उससे जुड़े मुद्दों पर ही आधारित है. इस बार धान खरीदी में लेटलतीफी और खाद की कमी का मुद्दा गरमाया हुआ है. भाजपा इसको लेकर भूपेश सरकार पर सीधा आरोप लगा रही है कि यूरिया और डीएपी जैसे खादों की सरकार कालाबाजारी करा रही है और कृत्रिम रूप से कमी दिखाकर किसानों को ठगा जा रहा है.

दूसरी तरफ भूपेश सरकार की ओर से पहले केंद्र द्वारा कम आवंटन का हवाला दिया गया और अब कहा जा रहा है कि प्रदेश में कहीं खाद की कोई कमी नहीं है. ईटीवी भारत ने इस पूरे मुद्दे की पड़ताल करते हुए जानने की कोशिश की है कि धान की फसल को खाद की जरूरत है या फिर छत्तीसगढ़ के सियासत में यह मुद्दा एक खाद का काम कर रहा है.

छत्तीसगढ़ में खाद पर सियासत

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एक बार फिर प्रदेश में खाद का मुद्दा गरमाने लगा है. प्रदेश के विभिन्न जिलों से खाद की कालाबाजारी गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही है आलम यह है कि किसानों द्वारा दो बोरी खाद लेने के बाद उन्हें 12 बोरी खाद लेने का मैसेज मोबाइल पर आ रहा है. इस मामले के सामने आने के बाद किसानों में काफी गुस्सा है.

यह मामला राजनंदगांव जिले मोहला ब्लॉक का है. जहां किसानों ने मटेवा सोसाइटी से 2 बोरी खाद लिया. लेकिन इसके बाद किसान के मोबाइल नंबर पर 12 बोरी खाद उठाए जाने का मैसेज आने लगा. कई किसानों के मोबाइल फोन पर इसी तरह का मैसेज आने के बाद किसानों ने मामले की शिकायत प्रशासन से की है.

खरीदी से ज्यादा खाद का मैसेज

किसानों का आरोप है कि इस तरह के कई और मामले भी होंगे. जिससे खाद की खरीदी से अधिक खरीदी किया जाना दिखाया गया है. किसानों के मोबाइल पर आए इस मैसेज में खाद खरीदी की रकम और सब्सिडी की जानकारी भी है. दो बोरी खाद खरीदने के बाद 12 बोरी खाद का वितरण किए जाने का मैसेज देखकर कई किसानों के होश उड़ गए. इस मामले में जिला किसान संघ ने प्रशासन से गंभीरता से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.

मिलावटी खाद पर गहराई सियासत

इसके अलावा मिलावटी खाद के मामले भी प्रदेश में दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं. कृषि विभाग द्वारा एक जगह मिलावटी खाद जब्त किया गया है. इस मामले को लेकर भाजपा ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि कुरूद के ग्राम परखनंदा में 116 बोरी मिलावटी खाद कृषि विभाग के द्वारा बरामद की गई है. इस तरह के मिलावटी खाद के मामले में सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

इस तरह के मामले को लेकर हमने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. लेकिन सरकार इस मामले में जवाब देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने इस मामले में कृषि मंत्री रविंद्र चोबे से संज्ञान लेने कि यह बात कही है. बीजेपी नेता ने कहा कि कृषि मंत्री व्यवस्था नहीं संभाल सकते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.

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सरकार और व्यापारियों के बीच मिलीभगत-बीजेपी

वहीं पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भी खाद के मुद्दे को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों को लूटने का काम किया है. प्रदेश में खाद बीज की कृतिम कमी दिखाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है. निजी लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है. बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार आधे से ज्यादा खाद कांग्रेस के उन लोगों को मुहैया कराई गई, जो खाद व्यवसाय कर रहे हैं और उन कांग्रेसी, व्यापारियों द्वारा खाद की कालाबाजारी की जा रही है.

नकारा है सरकार- बृजमोहन अग्रवाल

पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया है कि 2 किलो में गोबर खरीदकर उसे सूखाकर उसमें मिट्टी मिलाकर कांग्रेस सरकार वापस किसानों को 10 रुपये में बेच रही है. क्योंकि इनके पास गोबर से कंपोस्ट खाद बनाने का संसाधन मौजूद नहीं है. इसके अलावा सरकार किसानों को जबरिया जैविक खाद खरीदने पर मजबूर कर रही है. जैविक खाद न लेने की स्थिति में उन्हें अन्य खाद मुहैया नहीं कराई जा रही है.

वहीं कालाबाजारी भ्रष्टाचार को रोकने में प्रशासनिक अमले की नाकामी पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार का निर्देश, सरकार का नियंत्रण, सरकार की सजगता, वहीं प्रशासनिक अमले से काम करवाती है, जैसी सरकार होगी, वैसा प्रशासन होगा, जब सरकारी ढीली डाली है तो प्रशासन कैसा होगा.

खाद की किल्लत के लिए केंद्र जिम्मेदार-कांग्रेस

एक ओर भाजपा राज्य की कांग्रेस सरकार पर खाद की कालाबाजारी करने का आरोप लगा रही है. तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार में बैठे लोग केंद्र सरकार के द्वारा पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध न कराए जाने की बात कह रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा का कहना है कि यह दुर्भाग्य है कि केंद्र सरकार खाद बीज उपलब्ध नहीं करा पा रही है.

किसानों को तकलीफ है, किसानों की बात लगातार कांग्रेस करती है. आज कांग्रेस सरकार जैविक खाद के माध्यम से किसानों को खाद की पूर्ति कर रही है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि खाद बीज की समस्याओं को लेकर सरकार विधानसभा में अपना पक्ष रखेगी.

खाद बीज सहित किसानों के अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा ने 26 जुलाई को प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन का ऐलान किया है. इसके साथ ही इस मुद्दे को विधानसभा में जोरदार तरीके से उठाने की बात कही है. वहीं सत्ता पक्ष भी विपक्ष के इन सवालों का जवाब देने तैयार नजर आ रहा है. लेकिन इन दोनों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच किसान आज भी अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है. किसान की खाद की समस्या जस की तस बनी हुई है. अब यह तो वक्त ही बताएगा कि, इस सियासी घमासान के बीच किसानों को खाद- बीज की आपूर्ति हो पाएगी या नहीं.

Last Updated : Jul 25, 2021, 9:08 PM IST

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