झीरम मामले पर फिर सुलगी सियासत रायपुर: झीरम मामले को लेकर अजय चंद्राकर के दिए बयान पर एक बार फिर सियासी बवाल खड़ा हो गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "एनआईए जांच कर रही है, आयोग है वह फैक्ट फाइंडिंग नहीं करती, जांच एजेंसी करती है या तो पुलिस करे, एनआईए सीबीआई करे, यह एजेंसियां जांच करती हैं. यदि यह सही में जांच करना चाहते हैं, तो जांच करें और इसके लिए हमको जांच करने की परमिशन दें."
"वह परमिशन दें, तो हम जांच करेंगे": मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि "हम लगातार पत्र भी लिख रहे हैं. यहां जब केंद्रीय गृह मंत्री आए थे, तब भी हमने मांग रखी थी. इसके लिए हमने एनआईए को भी पत्र लिखा था. होम मिनिस्टर को भी पत्र लिखा. कई मंचों पर भी बात कही, वह परमिशन दें, तो हम जांच करेंगे और चाहते हैं तो नारको टेस्ट हो जाए रमन सिंह का, मुकेश गुप्ता का और जो मंत्री कह रहे हैं, उनका कवासी लखमा का भी हो नारको टेस्ट हो जाए. कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन पहले तैयार तो हों."
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"जांच के नाम पर भूपेश सरकार नाटक बंद करे": दरअसल झीरम जांच आयोग का कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है. अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए अजय चंद्राकर ने कहा कि "जांच के नाम पर कांग्रेस सरकार नाटक बंद करे. सरकार में झीरम घटना में शामिल और प्रत्यक्षदर्शी मंत्री हैं, कवासी लखमा से इस्तीफा दिलवा कर भूपेश सरकार पूछताछ कर ले. जिसको कवासी लखमा दोषी बताएं, उसे भूपेश सरकार फांसी पर चढ़ा दे. लखमा यदि मेरा नाम भी लेते हैं, तो मुझे भी फांसी दे दें." अजय चंद्राकर के इसी बयान के बाद सीएम भूपेश बघेल ने तल्ख अंदाज में जवाब दिया है.
जांच को लेकर अजय चंद्राकर ने उठाए सवाल: भूपेश सरकार पर हमला बोलते हुए अजय चंद्राकर ने यह सवाल भी उठाया कि ''झीरम में मारे गए लोगों के परिवारों और रिश्तेदार को क्या मिला? जांच के नाम पर सिर्फ हम न्याय दिलाएंगे, बस यही अब तक सुनने को मिला है.''