Politics In Paddy Purchase : धान खरीदी को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत, कांग्रेस बीजेपी के अपने-अपने दावे - Politics In Paddy Purchase
Politics In Paddy Purchase छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के साथ ही सियासत जोरों पर है.एक तरफ कांग्रेस 20 क्विटंल धान खरीदकर अपना वादा निभाने के साथ कर्ज माफ करने की बात कह रही है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ये कहकर माहौल बना रही है कि धान खरीदी का जो पैसा किसानों को मिल रहा है उसे केंद्र देती है. Politics between BJP and Congress
रायपुर :छत्तीसगढ़ में एक बार फिर धान को लेकर सियासत शुरु हो गई है.आपको बता दें कि प्रदेश में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरु हुई है.जिसमें किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विटंल धान खरीदने का वादा प्रदेश सरकार ने किया था.इसी आधार पर सहकारी समितियों में धान खरीदी की जा रही है.वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इसे अपना सबसे बड़ा चुनावी हथियार मानते हुए अपनी सभाओं में कर्ज माफी का ऐलान कर रही है.कांग्रेस के मुताबिक यदि अबकी बार उनकी सरकार बनती है तो एक बार फिर प्रदेश के किसानों की कर्जमाफी की जाएगी.
सीएम भूपेश ने कहा सरकार बनाओ कर्जमाफी पाओ : खैरागढ़ की सभा में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अबकी बार सरकार किसानों का कर्जा माफ करने जा रही है.इस दौरान सीएम भूपेश ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने जैसे पिछली बार पहला काम किसानों की कर्जमाफी किया था.उसी तरह इस बार भी कर्जमाफी करेगी.इसलिए विरोधियों की बातों में मत आना.आने वाले समय में यदि कांग्रेस सरकार बनती है तो एक बार फिर प्रदेश के किसानों का एक-एक कर्जा माफ होगा.इस दौरान सीएम भूपेश ने किसानों को कर्जमाफी की तकनीक के बारे में भी बताया.
''मेरे किसान साथी इस बात को ध्यान से सुनें.आज से धान खरीदी शुरू हुई है, उसमें जो आपने कर्ज बैंकों से लिया है वह कटेगा क्योंकि यह बैंकों की अपनी तकनीकी प्रक्रिया है, लेकिन सरकार बनते ही पिछली बार की तरह ये पैसे आपके खातों में वापस आ जाएंगे, इसकी कोई चिंता आपको नहीं करना है.''- भूपेश बघेल, सीएम छग
धान खरीदी पर कांग्रेस के बयानों पर पलटवार :वहीं सीएम भूपेश बघेल के कर्जमाफी और धान खरीदी पर बीजेपी ने पलटवार किया है.बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने कहा है कि बीजेपी हमेशा से ये कहते आ रही थी कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का जो पैसा सरकार दे रही है उसमें सबसे ज्यादा हिस्सा केंद्र का है.इस बात को अब कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने भी मान लिया है.जयराम रमेश ने स्वीकारा कि एमएसपी पर मिलने वाली 80 फीसदी राशि केंद्र की है.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत हुई. सहकारी समितियों में 15 क्विटंल की जगह पर अब प्रति एकड़ अधिकतम 20 क्विंटल धान और प्रति एकड़ 10 क्विंटल मक्का की खरीद की जाएगी.आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में 25 लाख से अधिक किसान पंजीकृत हैं.पिछले साल 23.42 लाख किसानों से धान खरीदी हुई थी. जिसमें 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान हुआ था.इस बार प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है.