रायपुर: छत्तीसगढ़ की सियासत में साल 2023 ने बड़ा बदलाव किया. ये साल सियासी दृष्टिकोण से उथल-पुथल भरा रहा. इस साल कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा. वहीं, बीजेपी सत्ता पर काबिज हुई. ये साल छत्तीसगढ़ के सियासत के लिए बेहद खास रहा. इस साल कई बड़े चेहरों को हार का सामना करना पड़ा. तो कई नए चेहरे को प्रदेश में मंत्री का पद मिला. आइए एक नजर डालते हैं साल 2023 में छत्तीसगढ़ की बड़ी सियासी घटनाक्रमों पर, जिसने सबको हैरत में डाल दिया.
सिंहदेव बने प्रदेश के पहले डिप्टी सीएम:छत्तीसगढ़ में साल 2018 में कांग्रेस की सत्ता में आने और भूपेश बघेल को सीएम बनाए जाने के बाद से ही टीएस सिंहदेव नाराज चल रहे थे. गाहे-बगाहे उनका दर्द लोगों के बीच छलक पड़ता था. कई बार ऐसी अफवाह भी फैली कि टीएस सिंहदेव भाजपा में शामिल होंगे. हालांकि सिंहदेव ने खुद उन अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया. इसके बाद जून 2023 में टीएस सिंहदेव को प्रदेश का पहला डिप्टी सीएम बनाया गया. ये कदम कांग्रेस ने ढ़ाई-ढ़ाई साल के फॉर्मूले को दबाने के लिए भी उठाया. हालांकि कांग्रेस को इसका कोई फायदा नहीं मिला. सिंहदेव साल 2023 का चुनाव अपने ही चेले से हार गए.
दीपक बैज को बनाया गया पीसीसी चीफ:जुलाई 2023 में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की कमान लोकसभा सांसद दीपक बैज के हाथ में सौपी. इसके पहले मोहन मरकाम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष थे. हालांकि पार्टी ने चुनाव से कुछ माह पहले ही दीपक बैज को पीसीसी चीफ बना दिया. हालांकि कांग्रेस को इससे कोई खास फायदा नहीं मिला. कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. यहां तक कि दीपक बैज भी अपने विधानसभा सीट से हार गए थे.