Raipur News : धार्मिक आयोजनों से वोटर्स को साधने की कोशिश, कितना होगा कारगर ? - wooing voters through religious events
छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस नेताओं में धार्मिक आयोजन कराने की होड़ सी मची हुई है. भगवान की भक्ति के जरिए वोटर्स को साधने की कोशिश हो रही है. भाजपा इसे कांग्रेस का दिखावा बता रही है तो कांग्रेस की अपनी दलील है. वहीं जानकारों का कहना है कि कांग्रेस विशेष रणनीति के तहत ऐसे आयोजन करा रही है.
धार्मिक आयोजनों से वोटर्स को साधने की कोशिश
By
Published : Jun 3, 2023, 7:15 PM IST
धार्मिक आयोजनों से वोटर्स को साधने की कोशिश
रायपुर :छत्तीसगढ़ में धार्मिक आयोजनों की बाढ़ सी आ गई है. आए दिन साधु संत महात्माओं का छत्तीसगढ़ में आगमन हो रहा है. कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. खास बात ये है कि इन आयोजनों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक दलों से संबंध है. चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों ही दल धार्मिक आयोजनों में हिस्सा ले रहे हैं.
क्या कहती है भाजपा: बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस कितना भी धार्मिक अनुष्ठान कर ले लेकिन भगवान उन्हें माफ नहीं करेंगे. कांग्रेस सरकार ने जितना भ्रष्टाचार और लूटमार छत्तीसगढ़ में किया है, उसका पश्चाताप करने के लिए यह धर्म की शरण में आये हैं ताकि भगवान इन्हें माफ करें. यह लोग गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के नाम पर सरकार में आए थे. वाकई इन्होंने छत्तीसगढ़ को नया छत्तीसगढ़ गढ़ दिया है.
क्या कहती है कांग्रेस : कांग्रेस का कहना है कि पार्टी धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करती और ना ही धर्म का व्यापार करती है. कांग्रेस सरकार बनने के बाद लगातार छत्तीसगढ़ की संस्कृति, खानपान, तीजा, पोरा को लेकर कई आयोजन हुए. छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल और माता कौशल्या का मायका है. भगवान राम ने वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ में अपना समय व्यतीत किया है. कांग्रेस सरकार लगातार छत्तीसगढ़ की संस्कृति के उत्थान के लिए काम करती आ रही है. इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
क्या कहते हैं जानकार:वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि ''बीजेपी समय समय पर धार्मिक अनुष्ठान कराती रही है. साधु संत महात्माओं को बुलाती रही है. लेकिन इस बार कांग्रेस इसमें कमी नहीं करेगी, क्योंकि कांग्रेस पर हिंदू धर्म से दूरी बनाने और एक विशेष समुदाय के करीब होने का ठप्पा लगा हुआ है. उस ठप्पे को हटाने के लिए कांग्रेस राजनीतिक रूप से यह प्रयास कर रही है. यही वजह है कि आगामी विधानसभा चुनाव के पहले जितने भी साधु संत महात्मा और धर्म गुरु हैं, जिनका थोड़ा भी झुकाव कांग्रेस की विचारधारा की ओर है, उन्हें छत्तीसगढ़ बुलाया जा रहा है.''
राजनीतिक दल लोगों को आकर्षित करने में जुटे :छत्तीसगढ़ में जितने भी धार्मिक आयोजन हो रहे हैं, उसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक दलों का संबंध रहा है. आने वाले समय में ऐसे और भी प्रोग्राम कराए जाएंगे. साधु संत महात्मा को बुलाया जाएगा और वह अघोषित रूप से उस पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में काम करेंगे. राजनीतिक दल धार्मिक माहौल पैदा कर अपनी ओर लोगों को आकर्षित करने की कोशिश करेंगे. इसी एजेंडे पर दोनों ही राजनीतिक दल काम कर रहे हैं.