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विरासत में मिली थी बिखरी पार्टी और टूटे कार्यकर्ता, संजीवनी बन गए भूपेश, पढ़ें सफर - bhupesh baghel birthday and year

सीएम भूपेश बघेल ने किसान परिवार में जन्म लेने से लेकर सीएम बनने तक का सफर काफी चुनौती भरा रहा. बघेल ने अपने नेतृत्व को साबित किया और छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी. जीत का सेहरा पार्टी ने भूपेश के सिर बांधा.

सीएम भूपेश बघेल

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Published : Aug 23, 2019, 11:29 AM IST

Updated : Aug 23, 2019, 6:29 PM IST

रायपुर: कौन कहता है कि दौलत-शोहरत पैसा नहीं हो, तो राजनीति में आना मुंगेरीलाल के सपने जैसा है, लेकिन इस बात को खुद भूपेश बघेल ने गलत साबित किया है. भूपेश का जन्म एक किसान परिवार में हुआ, जो आज छत्तीसगढ़ के सीएम और किसानों के मसीहा के तौर पर जाने जाते हैं.

विरासत में मिली थी बिखरी पार्टी और टूटे कार्यकर्ता, संजीवनी बन गए भूपेश, पढ़ें सफर

भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को अविभाजित मध्य प्रदेश के दुर्ग जिले की पाटन तहसील में हुआ था. उनके पिता का नाम विजय बघेल है, जो किसान हैं. मां का नाम बिंदेश्वरी देवी था, जिनका हाल ही में निधन हुआ. इसी कारण भूपेश ने अपना जन्मदिन नहीं मनाने का निर्णय लिया.

राखी पर बहनों के साथ सीएम

भूपेश की शादी 3 फरवरी साल 1982 को मुक्तेश्वरी देवी के साथ हुई. उनकी तीन बेटियां एक बेटा है. उनकी रुचि शुरू से ही राजनीति में थी. उन्होंने 80 के दशक में यूथ कांग्रेस के साथ अपनी सियासी पारी की शुरुआत की. वहीं 1990 से 94 तक वह जिला युवक कांग्रेस कमेटी दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे और 1993 से 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के निदेशक रहे.

सीएम भूपेश बघेल

समय के साथ भूपेश का चमका चेहरा

  • साल 2000 में मथ्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद राज्य में 3 साल तक कांग्रेस की सरकार रही, जिसमें अजीत जोगी मुख्यमंत्री रहे और भूपेश बघेल मंत्री पद पर रहे. चुनाव के बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार आई, जिसमें भूपेश एक तेज तर्रार विपक्ष की भूमिका में थे.
    छत्तीसगढ़ी त्योहार मनाते सीएम
  • 25 मई 2013 कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा, जो पार्टी के लिए काले दिन से कम नहीं था, इस दिन कांग्रेस ने अपने कई दिग्गज नेताओं को खो दिया. इस घटना के बाद एक बार कांग्रेस को खड़ा करना आसान नहीं था.
    विधानसभा चुनाव की तस्वीरें
  • 15 साल से सत्ता में रही भाजपा की सरकार को हटाकर कांग्रेस का परचम लहराना आसान नहीं था. इस चुनौती को पूरा करने की जिम्मेदारी हाईकमान ने भूपेश बघले को दी. भूपेश ने इस चुनौती को स्वीकार किया. साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि 2018 का चुनाव पार्टी के पक्ष में होगा.
    सीएम भूपेश बघेल
  • विधानसभा चुनाव 2018 में होने वाला था. समय भी धीरे-धीरे फिसलने लगा, लेकिन भूपेश ने फिर से जमीन से जुड़ने के लिए खुद जमीन पर चलकर लोगों के दिलों को जीतना मुनासिफ समझा.
    ग्रामीणों की खुशी में शामिल होते सीएम
  • इसलिए उन्होंने कई किलोमीटर का सफर पैदल ही तय कर लिया. इस सफर में उन्होंने किसान मजदूर और गरीबों का सबसे ज्यादा ध्यान रखा, उनकी जरूरतों को भी समझा, फिर जाकर उन्होंने चुनाव की रणनीति तैयार करने में जुट गए.
  • आखिरकार कांग्रेस के 15 साल का इतिहास बदला और कांग्रेस के सीएम के तौर पर भूपेश बघेल चुने गए.
  • सीएम बनने से लेकर अब तक के सफर में उन्होंने जमीन जुड़ी कई योजनाए लाईं, जिसमें नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी योजना प्रमुख है. नीति आयोग की ओर से भूपेश सरकार की योजनाओं को सराहा गया है.
Last Updated : Aug 23, 2019, 6:29 PM IST

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