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छत्तीसगढ़ में कोरोना हुआ समाप्त ! राजनीतिक आयोजनों के शुरू होने से उठ रहे सवाल

कोरोना की दूसरी लहर ने छत्तीसगढ़ में जमकर कहर बरपाया (second wave of coronavirus in Chhattisgarh) है. फिलहाल प्रदेश में कोरोना संक्रमण (corona infection in chhattisgarh) की रफ्तार कम हो रही है.जहां आम लोगों के लिए सरकार ने तमाम पाबंदियां और गाइडलाइंस जारी की हैं. वहीं कोरोना के बीच में राजनीतिक आयोजन फिर से शुरू हो गए हैं.

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कोरोना के बीच राजनीतिक आयोजनों के शुरू होने से उठ रहे सवाल

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Published : Jun 10, 2021, 8:39 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना (corona in chhattisgarh) समाप्त हो गया है. जी हां सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा होगा, लेकिन प्रदेश के नेता शायद यही मान रहे हैं. प्रदेश में कोरोना संक्रमण (corona infection in chhattisgarh) की रफ्तार कम होने के बाद से राजनीतिक गतिविधियां, सरकारी आयोजन, धरना-प्रदर्शन फिर से शुरू हो गए हैं.

कोरोना के बीच राजनीतिक आयोजनों के शुरू होने से उठ रहे सवाल

कोरोना के बीच राजनीतिक आयोजन फिर से शुरू

कोरोना की दूसरी लहर ने छत्तीसगढ़ में जमकर कहर बरपाया (second wave of coronavirus in Chhattisgarh) है. फिलहाल प्रदेश में संक्रमण कम हो रहा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कोरोना समाप्त हो गया है. जहां आम लोगों के लिए सरकार ने तमाम पाबंदियां और गाइडलाइंस जारी की हैं. वहीं प्रदेश में कोरोना खत्म हो गया है. यही कारण है कि कोरोना के बीच में राजनीतिक आयोजन फिर से शुरू हो गए हैं.

धरना-प्रदर्शन से फिर बढ़ सकता है कोरोना

छत्तीसगढ़ में अब तक 9,83,916 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं फिलहाल प्रदेश में 18,113 एक्टिव केस हैं. वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर राकेश गुप्ता की मानें तो प्रदेश में अभी कोरोना समाप्त नहीं हुआ है. ऐसे में ये आयोजन एक बार फिर कोरोना को आमंत्रित कर रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान हालात को देखते हुए तमाम तरह के आयोजन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. उसमें किसी प्रकार की ढील नहीं दी जानी चाहिए.

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'नेता इन बातों को लेकर इत्तेफाक नहीं रखते'

कोरोना के बीच राजनीतिक आयोजनों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार गिरीश केसरवानी का कहना है कि, छत्तीसगढ़ के नेता शायद इन बातों को लेकर इत्तेफाक नहीं रखते हैं. यही कारण है कि अब धरना-प्रदर्शन और कार्यक्रम फिर से शुरू हो गए हैं. केसरवानी ने बताया कि इस तरह के आयोजन से तीसरी लहर को लेकर स्थिति बन सकती है. जिसे रोकना मुश्किल होगा.

बहरहाल कोरोना के बीच अब राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो गई हैं. अब देखने वाली बात है कि इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने शासन-प्रशासन क्या कदम उठाता है. यदि समय रहते कोरोना को लेकर शासन-प्रशासन सजग नहीं हुआ तो कोरोना की तीसरी लहर के बीच प्रदेशवासियों को इसका बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है.

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