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SPECIAL: पुलिस परिवार ने शेयर की कोरोना काल की खट्टी मीठी यादें

कोरोना संक्रमण की वजह से देशभर में 25 मार्च से 31 मई तक लॉकडाउन लगा रहा, अब 1 जून से धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लॉकडाउन में कैसे लोगों के लाइफ स्टाइल में बदलाव आये इसे लेकर ईटीवी भारत ने पुलिस और उनके परिवार वालों से बात की, जिसमें सभी ने इस दौरान अपनी खट्टी-मीठी यादों को शेयर किया...देखिये विशेष रिपोर्ट...

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पुलिस परिवार ने शेयर की खट्टी मीठी यादें

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Published : Jul 5, 2020, 2:29 PM IST

रायपुर:कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया था. इस लॉकडाउन ने हर वर्ग के लोगों की तस्वीर बदल कर रख दी है. लोगों के लाइफस्टाइल में भी काफी कुछ परिवर्तन देखने को मिला है. लॉकडाउन की वजह से लाइफ स्टाइल में परिवर्तन के साथ ही लोगों ने अपनी कुछ खट्टी-मीठे यादें भी शेयर की. लाइफ स्टाइल को लेकर ईटीवी भारत ने पुलिस और उनके परिवार वालों से बात की, तो उन्होंने बताया कि एक तरह से लॉकडाउन अच्छा भी था और एक तरह से देखा जाए तो खराब भी रहा.

पुलिस परिवार ने शेयर की कोरोना काल की खट्टी मीठी यादें

कोरोना संक्रमण की वजह से देशभर में 25 मार्च से 31 मई तक लॉकडाउन लगा हुआ था, अब 1 जून से अनलॉक के बाद देशभर में उद्योग-धंधे शुरू हो गए हैं. लॉकडाउन के दौरान बात की जााए पुलिस की तो पुलिस को सामान्य दिनों से काफी ज्यादा लॉकडाउन के समय अपनी ड्यूटी पूरी मुस्तैद दिखे.

पुलिसकर्मी कोरोना काल में निभा रहे फर्ज

महिला पुलिसकर्मियों को हुई परेशानी
लाइफ स्टाइल के बारे में जब हमने महिला पुलिसकर्मी से उनकी लाइफस्टाइल के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि सामान्य दिन हो या फिर लॉकडाउन का समय रहा हो. हर समय उन्हें बराबर ड्यूटी करनी पड़ रही है. लॉकडाउन के समय पुलिसकर्मियों की ड्यूटी और भी बढ़ा दी गई थी, जिसके कारण पुलिसकर्मी अपने परिवार को भी समय नहीं दे पाते थे, जो कहीं न कहीं महिला पुलिसकर्मियों के लिए एक चिंता का विषय रहा है.

पुलिसकर्मी कोरोना काल में निभा रहे फर्ज

बच्चों के साथ परिवार की देखभाल
पुलिसकर्मी की पत्नी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पुलिसवालों की ड्यूटी और भी बढ़ा दी गई थी, जिसके कारण पुलिसकर्मी अपने घरों में समय नहीं दे पाते थे. पुलिसकर्मी की वाइफ यह भी बताती हैं कि बच्चे या फिर परिवार कहीं भी बाहर घूमने नहीं जा पाया. यह लॉकडाउन का खराब समय था. साथ ही सामान्य दिनों की तुलना में काम भी बढ़ गया था. बच्चों की स्कूल बंद होने के कारण घर पर ही रह रहे थे. बच्चों की देखभाल के साथ ही परिवार का देखभाल करना एक बड़ी जिम्मेदारी बन गई थी.

पुलिस परिवार की जीवनशैली

परिवार को संभालना और आम जनता की सुरक्षा

पुलिस लाइन के रिजर्व इंस्पेक्टर का कहना है कि यह सबके लिए एक नए तरह का अनुभव था. इस दौरान पुलिस की ड्यूटी के साथ परिवार संभालने की भी ड्यूटी थी, क्योंकि कोरोना के कारण परिवार को संभालना भी उतना ही जरूरी था, जितना कि आम जनता की सुरक्षा है.

छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार

लॉकडाउन के दौरान रही भागदौड़

डीएसपी मणिशंकर चंद्रा का कहना है कि कोरोना काल पुलिस के लिए यह काफी चैलेंज भरा रहा. हां इतना जरूर है कि लॉकडाउन के समय सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बड़े अधिकारी अपने कामों को घर से किया करते थे. लॉकडाउन के दौरान भागदौड़ भी कम करना पड़ता था. कई मीटिंग या जरूरी काम ऑनलाइन होने से घर पर ही रह कर अपनी ड्यूटी करते रहें. ऐसे में परिवार के साथ समय बिताने के लिए ज्यादा वक्त मिलता था.

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