रायपुर:मौदहापारा थाना प्रभारी नितेश ठाकुर ने बताया कि "शिकायतकर्ता गगन पाल ने थाना मौदहापारा में रिपोर्ट दर्ज कराया था. वह एसबीआई सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में असिस्टेंट जनरल मैनेजर ऑपरेशन एंड मार्केटिंग के पद पर पदस्थ है. कंपनी का काम सिक्योरिटी एवं कैश मैनेजमेंट का है. विभिन्न शासकीय और अर्धशासकीय संस्थानों के कैश कलेक्शन का ठेका भी शिकायतकर्ता की कंपनी लेती है. जिसके लिए कंपनी के द्वारा कर्मचारियों की भर्ती विधिवत की जाती है."
आरोपी का काम कैश कलेक्शन करने का था:शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि "आरोपी खेमंत कुमार विश्वकर्मा 16 जून 2021 से उक्त कंपनी में काम करता था. आरोपी का काम कैश कलेक्शन करने का था. कंपनी को भारतीय स्टेट बैंक से कैश पिकअप और डिपाजिट करने का ठेका मिला हुआ है. साउथ ईस्टर्न रेलवे रेलवे स्टेशन रायपुर से रुपए कलेक्शन कर एसबीआई मेन ब्रांच जय स्तंभ में रुपए जमा करने का काम खेमंत कुमार विश्वकर्मा को सौंपा गया था."
धोखाधड़ी कर कम राशि जमा की गई थी:मौदहापारा पुलिस ने आगे बताया कि "एसबीआई मैन ब्रांच बिलासपुर से कंपनी को एक पत्र प्राप्त हुआ था. जिसमें 25 मार्च 2022 से 5 दिसंबर 2022 तक विभिन्न तिथियों में हेमंत कुमार विश्वकर्मा ने रेलवे स्टेशन रायपुर से कलेक्ट कुल राशि के ट्रेजरी रेमिटेंस में दर्ज राशि में धोखाधड़ी करके कम राशि जमा की गई थी. जो कि मूल राशि से 44 लाख 6 हजार 752 रुपए कम था. इस सूचना के आधार पर टीआर की छाया प्रति की जांच की गई. जिसमें अलग-अलग तिथियों में खेमंत कुमार विश्वकर्मा द्वारा रायपुर रेलवे स्टेशन के कार्यालय से राशि के साथ पीआर प्राप्त किया गया था."
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डिपॉजिट स्लिप सील और अन्य दस्तावेज जब्त:लेकिन बैंक में जमा करने के पहले पीआर में दर्ज रकम को धोखाधड़ी कर कम राशि जमा किया गया. पुलिस ने इस संबंध में जब आरोपी से पूछताछ की तो उन्होंने टीआर में धोखाधड़ी कर उसमें से दर्ज रकम को कम दर्शा कर बाकी रकम को स्वयं के उपयोग के लिए रखना बताया गया. आरोपी ने गबन राशि में से 8 लाख 30 हजार रुपए नकदी लाकर कंपनी कार्यालय में जमा कर दिया गया था. आरोपी के कब्जे से पुलिस ने डिपॉजिट स्लिप सील और अन्य दस्तावेज भी जब्त कर लिए हैं.