नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 राज्यों के जिलाधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. पीएम मोदी ने मीटिंग में अधिकारियों से उनके जिले में कोरोना संक्रमण और प्रबंधन की जानकारी ली. पीएम ने अफसरों का हौसला बढ़ाया और पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि आप सभी दबाव में अच्छा काम कर रहे हैं. नई चुनौतियों के सामने, नई रणनीतियों के साथ काम करना होगा. उन्होंने कहा कि प्रशासन की मौजूदगी से ग्रामीणों का मन बदलता है. लोगों के अंदर हिम्मत आती है. बैठक में छत्तीसगढ़ के 5 जिलों के कलेक्टर शामिल हुए. बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के जिलाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग की. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी बैठक में मौजूद रहे.
जांजगीर-चांपा के कलेक्टर ने दी ये जानकारी
जांजगीर-चांपा के कलेक्टर यशवंत कुमार ने पीएम को जिले के बारे में जानकारी दी. कलेक्टर ने बताया कि जिले में पॉजिटिविटी रेट 30 फीसदी से घटकर 14 फीसदी तक आ गई है. जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को अवेयर किया गया. लोगों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के लिए जागरूक किया. जिलाधिकारी ने बताया कि ऑक्सीजन रिफिलिंग की व्यवस्था बेहतर है. उन्होंने बताया कि जिले में ऑक्जीसन बिस्तर बढ़ाए गए हैं. जिले में 1691 कुल बेड हैं, जिनमें से 883 खाली हैं. ऑक्सीजन बेड 297 खाली हैं. आईसीयू बेड 20 तैयार हैं, इसमें से 9 पर मरीज हैं. 11 आईसीयू बेड खाली हैं.
कोरबा के मजदूरों की टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर
कोरबा कलेक्टर किरण कौशल भी पीएम मोदी के साथ बैठक में शामिल हुईं. मीटिंग खत्म होने के बाद कलेक्टर किरण कौशल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया है कि जिन गांव में कोरोना संक्रमण कम हुआ है, उसे पूरी तरह से कोरोना मुक्त गांव बनाएं. गांव को अधिक से अधिक सुरक्षित करें. इसके अलावा जहां पॉजिटिव केस की संख्या अधिक है, वहां टेस्टिंग की संख्या बढ़ाएं. कंटेनमेंट जोन का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन करें. टेस्ट बढ़ाने के साथ ही समुदाय को जोड़कर कार्य किया जाना चाहिए. कोरोना से लड़ाई में संवेदनशीलता सबसे जरूरी है. कलेक्टर किरण कौशल ने यह भी बताया कि पीएम मोदी द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं, उन पर पिछले एक महीने से सीएम भूपेश बघेल के निर्देशन प्रशासन काम कर रहा है. ग्राम पंचायतों की निगरानी की जा रही है. निगरानी दल द्वारा प्रत्येक घर का सर्वे कर लिया गया है. जिन मरीजों में लक्षण पाए गए हैं, उन्हें दवा वितरण किया गया है. 25 हजार से अधिक घरों में दवा का वितरण कर दिया गया है. इससे कोरोना की रफ्तार को रोकने में काफी बल मिला है. कलेक्टर ने यह भी कहा कोरबा एक औद्योगिक जिला है इसलिए जो खदानों में काम करने वाले मजदूर हैं, उनकी टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
कोरोना के हालात पर छत्तीसगढ़ के 5 जिलों के कलेक्टर से पीएम मोदी की चर्चा
बलौदाबाजार में मंडी को बनाया गया कोविड हॉस्पिटल
बलौदाबाजार कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने प्रधानमंत्री को जिले में महामारी की स्थिति की जानकारी दी. जिलाधिकारी ने बताया कि कैसे जिले में कोरोना संक्रमण 42 फीसदी से 7 फीसदी तक लाया गया. कलेक्टर ने बताया कि संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कई नई पहल जिलें में की गई है. गांव-गांव में ग्राम निगरानी दल का गठन किया गया. गांवों में पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था सहित संभावित मरीजों को पहले ही ट्रेस कर उन्हें मितानिनों के माध्यम से दवाई देने की व्यवस्था की गई. टेस्टिंग में बढ़ोतरी की गई. मरीजों की निगरानी के लिए 50 सरकारी डॉक्टरों की अलग से ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही निजी डॉक्टरों का भी मदद ली जा रही है. मानसिक तनाव को कम करने के लिए अलग टीम काम कर रही है.
उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय में 500 बिस्तर कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है. यह राज्य का पहला ऐसा हॉस्पिटल है जिसमे मंडी को हॉस्पिटल में परिवर्तित किया गया है. जिलें में अभी पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सहित नॉर्मल बेड उपलब्ध हैं. कलेक्टर ने बताया कि जिले में मृत्यु दर को रोकने के लिए ग्रामीण इलाकों में लक्षण दिखाई देने पर ही दवाइयां दी जा रही हैं. रिपोर्ट का इंतजार न करते हुए सभी को मेडिसिन उपलब्ध कराई जा रही है. गांववालों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिनों की मदद ली जा रही है.