रायपुर : केंद्र समेत राज्यों की सरकारें भी ये जान चुकीं हैं कि प्लास्टिक किस तरह से पर्यावरण और मानव जीवन के लिए खतरा है. कई राज्यों में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लग चुका है. कई जगहों पर प्लास्टिक लाने ले जाने पर मनाही है.इसका बड़ा कारण ये है कि प्लास्टिक को पूरी तरह से कंपोज नहीं किया जा सकता है. हर साल पूरे भारत में 14 मिलियन टन प्लास्टिक से बनीं चीजों का इस्तेमाल हो रहा है. ये एक बहुत बड़ा आंकड़ा है. क्योंकि प्लास्टिक के सामान जल्दी टूटते और खराब होते हैं.ऐसे में वो जहां भी कचरे के तौर पर रहेंगे वो प्रदूषण ही फैलाएंगे. धरती, और पानी में प्लास्टिक खत्म नहीं होता. जलाने पर निकलने वाली जहरीली गैसे खतरनाक होती हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट :डॉक्टर रजत शुक्ला बताते हैं कि प्लास्टिक को कैंसर कारक के रूप में जाना जाता है. प्लास्टिक के इस्तेमाल से मुख्य रूप से हमारा एंडोक्राइन सिस्टम प्रभावित होता है. जिसमें रीप्रोडक्टिव सिस्टम भी आता है. प्लास्टिक का इस्तेमाल ज्यादा करने से कैंसर होने के चांसेस होते हैं. इनफर्टिलिटी की परेशानी भी प्लास्टिक के इस्तेमाल से आजकल सबसे ज्यादा बढ़ रही है. बच्चों के ग्रोथ में भी प्लास्टिक का इस्तेमाल प्रभाव डालता है. सब तरह से देखें तो हमें प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना चाहिए. उसकी जगह दूसरे उपाय ढूंढने चाहिए.