हैदराबाद/रायपुर: पितृपक्ष (Pitru paksh) में हर तिथि का अपना एक अलग महत्व होता है. सभी तिथियों को पूर्वजों (purwajon) के लिए समर्पित माना जाता है. पितृ पक्ष (Pitri paksh) में अगर पितरों के नाम (Pitrao ke naam) का मन से दान और ब्राह्मण भोजन (Brahmin bhojan) कराने के साथ-साथ कौवों (Crow) को भोजन कराया जाय तो, कहते हैं कि हर तरह का दुःख दूर हो जाता है, और पितर (Pitar) प्रसन्न होकर आशिर्वाद देते हैं.
Pitru Paksha 2021: पितृ दोष से बचने के लिए श्राद्ध पक्ष में इन बातों का रखें ध्यान, न करें ये काम
पंचमी श्राद्ध
जिनकी मृत्यु अविवाहित स्थिति में हुई है उनके लिए पंचमी तिथि का श्राद्ध किया जाता है. यह कुंवारों को समर्पित श्राद्ध है. इसके साथ ही पंचमी तिथि शुक्ल पक्ष या फिर कृष्ण पक्ष को मृत पितर के नाम की पूजा और ब्राह्मण भोज पंचमी को किया जाता है. इस दिन नित्य सेवा से निवृत हो पितरों के नाम की पूजा, दान और ब्राह्मण भोज करने से पितरों को तृप्ति मिलती है.