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Ishan Kone दुर्गा सप्तशती का हवन करने से ईशान कोण के दोष हो सकते हैं दूर !

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Published : Apr 23, 2023, 2:03 PM IST

Updated : Apr 24, 2023, 5:54 AM IST

Remedies for Vastu defects कहा जाता है कि घर के ईशान कोण में कभी कोई दोष नहीं होना चाहिए. ईशान कोण वाली जगह को जहां तक संभव हो खाली रखना चाहिए. किसी तरह की कोई भारी वस्तु या कोई निर्माण वहां नहीं होना चाहिए, लेकिन कई बार ऐसा संभव नहीं हो पाता. इस वजह से घर में रहने वाले लोगों को ईशान कोण के दोषों का सामना करना पड़ता है. जानकार ईशान कोण के दोष दूर करने के उपाय बता रहे हैं. आप भी जानिए और इसका लाभ लीजिए. Durga Saptshati

Durga Saptshati
ईशान कोण दोष

ईशान कोण दोष दूर करने के उपाय

रायपुर:कहा जाता है कि प्रत्येक घर या ऑफिस में चाहे कितनी भी सावधानी से उसका निर्माण किया जाए, कोई ना कोई वास्तु दोष संबंधित मकान या ऑफिस में रहता ही है. कोई ना कोई चूक हर वास्तुशास्त्री से होती है. इसके लिए दोषों को दूर करने के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं. जिससे कि वास्तु दोष की शांति हो जाती है. लेकिन घर के उत्तर पूर्व अर्थात ईशान कोण में कोई दोष है, तो उसका निराकरण नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह पूजा का स्थान है. भगवान का स्थान है. यहां पर शिव का वास है. अतः यहां कोई दोष नहीं होना चाहिए.

ईशान कोण में होता है भगवान का वास: ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि कई लोग ईशान कोण को हल्का रखने की बजाय वहां पर सीढ़ी का निर्माण कर देते हैं. कुछ लोग शौचालय बना देते हैं. अतः उस घर में कभी समृद्धि नहीं आ सकती. परिवार का कोई भी सदस्य स्वस्थ नहीं रह सकता और संबंध भी तनावपूर्ण होते हैं, जिसका कोई इलाज नहीं है. जैसे कोई व्यक्ति जब बीमार पड़ता है, तो उसके रोगों का इलाज डॉक्टर कर देता है, लेकिन गंभीर रोग का इलाज वह नहीं कर सकता. जैसे कैंसर की बीमारी का तीसरा स्टेज इसका कोई इलाज नहीं है. वैसे ही ईशान कोण की शुद्धता का कोई इलाज नहीं है. लेकिन दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. अविष्कार होते रहना चाहिए."

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दुर्गा सप्तशती के हवन से दूर होगा दोष: महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "इसका एक अचूक उपाय नार्थ ईस्ट अर्थात ईशान कोण के दोष दूर करने का उपाय है. कहा जाता है कि दुर्गा सप्तशती का हवन सारे वास्तु की शांति कर देते हैं. वास्तु दोष को दूर कर देता है. दुर्गा सप्तशती का हवन किया जाना चाहिए. लेकिन इस हवन में प्रत्येक श्लोक में वास्तु देवता के मंत्र को जोड़ा जाना चाहिए. जैसे ओम वास्तु देवताए नमः मंत्र हर श्लोक के शुरू में और अंत में लगाने से निश्चित रूप से वास्तुदोष दूर होगा. यह भी ध्यान रहे दुर्गा सप्तशती के सभी मंत्र अभिशापित है. अतः इनको श्राप मुक्त किया जाना चाहिए. साथ ही दुर्गा सप्तशती के प्रत्येक मंत्र का एक बीज मंत्र अलग से है, उस मंत्र का भी संपुट श्लोक में लगाया जाना चाहिए. शुरू में भी और आखिरी में भी यह करना चाहिए. इसके अलावा यह भी ध्यान रहे प्रत्येक श्लोक का बीज मंत्र अलग-अलग है. जिसके पाठ करने से वह मंत्र जागृत होता है."

ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "यह मंत्र मुख्तियार बाबा मोतीलाल स्वामी जी के खोज के अनुसार है. जिसकी खोज उन्होंने 1910 में की थी. बाद में स्वामी बाबा शिवानंद ने इन बीज मंत्रों का प्रकाशन दुर्गा सप्तशती नामक ग्रंथ में किया है. जिसमें वही बीज मंत्र है. अर्थात पहला मंत्र वास्तु देवता का, दूसरा मंत्र स्वामी मोतीलाल जी द्वारा खोजी गई और शिवानंद बाबा द्वारा लिखी गई है. प्रत्येक श्लोक के अलग-अलग बीज मंत्र का संपुट हर श्लोक के और अंत में किया जाना चाहिए." ऐसा करने से निश्चित रूप से ईशानकोण में वास्तुदोष की शांति होगी. ऐसा करने से जीवन में कभी भी असफलता व निराशा नहीं होगी. मां दुर्गा की कृपा से सदा प्रसन्न और सुखी रहेंगे.

Last Updated : Apr 24, 2023, 5:54 AM IST

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