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छत्तीसगढ़ में योजनाओं को लागू करने वाले विभाग बोझ में दबे, जानिए कैसे ? - रायपुर में है सबसे ज्यादा पेंडिंग मामले

छत्तीसगढ़ में योजनाओं को को लागू करने वाला दफ्तर जिसे मंत्रालय के नाम से जाना जाता है. वह लगातार लंबित मामलों से चर्चा में है. करीब 20 हजार फाइलें यहां पेंडिंग हैं. ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर छत्तीसगढ़ में कैसे कसावट लाया जाएगा ये अपने आप में काफी गंभीर सवाल है.

pendency Increased in offices of Mahanadi Bhawan in Chhattisgarh
मंत्रालय में लगातार बढ़ रहे पेंडिंग मामले

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Published : May 22, 2022, 10:23 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा इन दिनों प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया जा रहा है. यह दौरा सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों तक मिल रहा है या नहीं मिल रहा है शासकीय कार्यों की समीक्षा सहित अन्य विकास कार्य के जमीनी स्तर का पता लगाने के लिए किया जा रहा है. साथ ही प्रशासनिक कामों में कसावट आए इसके लिए मुख्यमंत्री खुद जमीनी स्तर पर जाकर लोगों से मेल मिलाप कर रहे हैं और वास्तविक स्थिति का पता लगा रहे हैं.


मंत्रालय में लगातार बढ़ रहे पेंडिंग मामले:वहीं दूसरी और अधिकारियों की बात की जाए तो उनके कामकाज के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं एक जानकारी के मुताबिक लगभग 41 हजार मामले प्रदेश के विभिन्न विभागों में लंबित हैं. जिनका निराकरण अभी तक नहीं हो सका है. पहले एक नजर डालते हैं प्रदेश के विभिन्न विभागों में पेंडिंग मामलों पर

विभाग पेंडिंग मामले
गृह विभाग 5370
स्कूल शिक्षा 4982
स्वास्थ्य विभाग 3603
वन विभाग 3391
आदिम जाति 2671
जल संसाधन 2169
पंचायत 2041




रायपुर में है सबसे ज्यादा पेंडिंग मामले:सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी के पास भी लोग शिकायत करते हैं. कलेक्टरों के पास 3520 और एसपी के पास 315 शिकायतें पेंडिंग हैं. रायपुर के कलेक्टर और एसपी के पास लंबित शिकायतें सबसे ज्यादा हैं. रायपुर कलेक्टर 716 और एसपी के पास 137 शिकायतें पेंडिंग हैं.

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गृह और स्कूल शिक्षा विभाग की है सबसे ज्यादा शिकायतें:मुख्य सचिव खुद समय- समय पर लोक शिकायतों के लंबित मामलों की समीक्षा करते रहे हैं. फिलहाल, गृह, स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य समेत चार दर्जन से अधिक विभागों में 41 हजार से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं. सबसे ज्यादा 5370 शिकायतें गृह विभाग और 4982 शिकायतें स्कूल शिक्षा विभाग में पेंडिंग हैं.

अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल:वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "सरकार के द्वारा लगातार काम में तेजी लाने क्वालिटी वर्क करने सहित कसावट लाने को लेकर प्रयास किए जाते रहे. इसी के तहत छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा शासकीय कर्मचारियों को हफ्ते में 1 की जगह 2 दिन की छुट्टी का ऐलान किया गया था. सरकार ने शनिवार को भी शासकीय कर्मचारियों को अवकाश घोषित किया. बावजूद इसके ना तो काम में कसावट आ रही है और ना ही पेंडिंग मामलों को निपटाया जा रहा है".

मुख्यमंत्री जमीनी स्तर पर ले रहे जायजा: वरिष्ठ पत्रकाररामअवतार तिवारी ने कहा कि "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद 90 विधानसभा का दौरा कर कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं और काम में कसावट लाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर विभिन्न विभागों में बैठे अधिकारी पर पेंडिंग कामों के निपटारे को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं.

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हर महीने विभागों के कार्यों की होगी समीक्षा:अधिकारियों की माने तो आम लोगों की शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए राज्य सरकार मॉनिटरिंग का नया सिस्टम तैयार कर रही है. विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतों के निपटारे की मॉनिटरिंग अब विभागों के सचिव करेंगे. सभी विभागों के सचिव हर महीने के अंतिम सप्ताह में मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में लंबित शिकायतों की समीक्षा करके मुख्य सचिव को इसकी जानकारी देंगे.





इतना ही नहीं लोगों से मिलने वाली शिकायतों के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि, लोक सेवाओं के मिलने में विलंब की सबसे ज्यादा शिकायतें मैदानी इलाकों से मिली हैं. जिलों या ब्लॉकों से मिलने वाली शिकायतों के तेजी से निराकरण के लिए ही हाई लेवल मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जा रही है. मितान योजना 1 मई से शुरू है. इसलिए ही मॉनिटरिंग का नया सिस्टम डेवलप किया जा रहा है

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