रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा इन दिनों प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया जा रहा है. यह दौरा सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों तक मिल रहा है या नहीं मिल रहा है शासकीय कार्यों की समीक्षा सहित अन्य विकास कार्य के जमीनी स्तर का पता लगाने के लिए किया जा रहा है. साथ ही प्रशासनिक कामों में कसावट आए इसके लिए मुख्यमंत्री खुद जमीनी स्तर पर जाकर लोगों से मेल मिलाप कर रहे हैं और वास्तविक स्थिति का पता लगा रहे हैं.
मंत्रालय में लगातार बढ़ रहे पेंडिंग मामले:वहीं दूसरी और अधिकारियों की बात की जाए तो उनके कामकाज के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं एक जानकारी के मुताबिक लगभग 41 हजार मामले प्रदेश के विभिन्न विभागों में लंबित हैं. जिनका निराकरण अभी तक नहीं हो सका है. पहले एक नजर डालते हैं प्रदेश के विभिन्न विभागों में पेंडिंग मामलों पर
विभाग | पेंडिंग मामले |
गृह विभाग | 5370 |
स्कूल शिक्षा | 4982 |
स्वास्थ्य विभाग | 3603 |
वन विभाग | 3391 |
आदिम जाति | 2671 |
जल संसाधन | 2169 |
पंचायत | 2041 |
रायपुर में है सबसे ज्यादा पेंडिंग मामले:सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी के पास भी लोग शिकायत करते हैं. कलेक्टरों के पास 3520 और एसपी के पास 315 शिकायतें पेंडिंग हैं. रायपुर के कलेक्टर और एसपी के पास लंबित शिकायतें सबसे ज्यादा हैं. रायपुर कलेक्टर 716 और एसपी के पास 137 शिकायतें पेंडिंग हैं.
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गृह और स्कूल शिक्षा विभाग की है सबसे ज्यादा शिकायतें:मुख्य सचिव खुद समय- समय पर लोक शिकायतों के लंबित मामलों की समीक्षा करते रहे हैं. फिलहाल, गृह, स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य समेत चार दर्जन से अधिक विभागों में 41 हजार से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं. सबसे ज्यादा 5370 शिकायतें गृह विभाग और 4982 शिकायतें स्कूल शिक्षा विभाग में पेंडिंग हैं.