रायपुर:विश्व श्रमिक दिवस के दिन की शुरुआत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बोरे-बासी खाकर की. उनके साथ उनके दोनों बेटों ने भी बोरे-बासी खाया. मोहन मरकाम और उनके बेटे जमीन पर बैठकर बोरे-बासी खाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. छत्तीसगढ़ में एक मई को बोरे बासी खाकर मजदूर दिवस मनाया जा रहा है.
पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने अपने दोनों बेटों के साथ बोरे-बासी खाकर की दिन की शुरुआत यह भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ में एक मई को बोरे बासी खाकर मनेगा मजदूर दिवस, जानिए क्यों है खास ये व्यंजन ?
प्रदेशवासियों को विश्व श्रमिक दिवस पर बधाई:पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने प्रदेशवासियों को विश्व श्रमिक दिवस पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि बोरे-बासी संग माड़िया पेज, कोलियरी भाजी और चटनी में विटामिन की प्रचुर मात्रा है. गर्मी के दिनों में यह भोजन शरीर के लिये बेहद लाभदायक और सुपाच्य है. आइए हम सब श्रम का सम्मान और अपनी संस्कृति पर अभिमान. इस बात की जानकारी कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विकास तिवारी ने दी.
सीएम बघेल ने प्रदेशवासियों से बोरे-बासी खाने की थी अपील: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर अपने आहार और संस्कृति के गौरव की अनुभूति के लिए देश-विदेश के कोने-कोने में बसे छत्तीसगढ़ के लोग बोरे-बासी खाकर श्रम का सम्मान करने की अपील की थी. मुख्यमंत्री के अपील पर छत्तीसगढ़ के सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि और युवा पीढ़ी भी बोरे-बासी खाकर देश दुनिया में अपने खानपान, अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम और गौरवान्वित किया. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर हैश टैग #LabourDay2022 , #बोरे-बासी, #borebasi, #cgmodel के माध्यम से अपनी फोटो-वीडियो शेयर की.
कैसे बनता है बोरे बासी : बोरे बासी एक फर्मेंटेड फूड है, पके हुए चावल (भात) को 8 से 10 घंटे में पानी में भिगोकर रखते हैं. 8 से 10 घंटे पानी में रहने के कारण वह चावल फर्मेंटेड हो जाता है. बोरे बासी तैयार करने के लिए बहुत कम चीजों की आवश्यकता पड़ती है. इसमें पका हुआ चावल( भात ) को मिट्टी के बर्तन में पानी में डूबा कर रखा जाता है. सात से आठ घंटा होने के बाद वह चावल फर्मेंटेड हो जाता है, उस चावल में दही ,मठा, डाला जाता है. बोरे बासी को प्याज, मिर्च, अचार, पापड़, और भाजी के साथ खाया जाता है. यह गर्मी के दिनों में लू से बचाता है.