रायपुर:दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में तीसरी और चौथी लाइन का काम चल रहा है. जिसके कारण बहुत सारी ट्रेनें कैंसिल हो रही है. लगातार कैंसिल हो रहे ट्रेनों से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अक्सर यात्री रायपुर से काम के सिलसिले में सुबह शाम अप-डाउन करते हैं. पैसेंजर ट्रेनें बंद होने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. महज रायपुर के यात्रियों को ही नहीं बल्कि प्रदेशभर के यात्रियों को ट्रेनें बंद होने से काफी दिक्कतें हो रही है.
अधिक किराया देने को मजबूर यात्री:मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में पैसेजंर ट्रेन रद्द होने का दबाव नजर आ रहा है. उसमें भीड़ काफी ज्यादा हो रही है. डेली अप डाउन करने वाले यात्रियों को 3 गुना ज्यादा किराया देकर अप डाउन करना पड़ रहा है. समय से स्टेशन न पहुंच पाने की वजह से उनको बस स्टैंड जाकर बस पकड़ना पड़ता है. रायपुर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड की दूरी 10 किलोमीटर है. जहां जाने के लिए भी यात्रियों को किराया चुकाना पड़ रहा है. इसके बावजूद दो-तीन बसें बदलकर उन्हें अपने घर जाना पड़ता है.
कई पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन रद्द: लगभग 8 पैसेंजर ट्रेन और 6 एक्सप्रेस ट्रेन रद्द होने से रायपुर ही नहीं बल्कि प्रदेशभर के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शादियों का सीजन चल रहा है. ऐसे में प्रदेश में रोजाना काफी सारे यात्री अप डाउन करते हैं. लेकिन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में तीसरी और चौथी लाइन का काम चल रहा है. जिस वजह से काफी सारी ट्रेनें कैंसिल हो रही है. इसको लेकर यात्रियों में भी नाराजगी देखी जा रही है. ईटीवी भारत ने प्रदेश के कुछ यात्रियों से इस मामले में बातचीत की. आइए जानते हैं कि, हर दिन उन्हें कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है?
ऑफिस आने-जाने के लिए करना पड़ा रहा एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार:रायपुर के यात्री चंद्रशेखर ने ईटीवी भारत को बताया कि, महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है. अगर हमें गाड़ी से या बस से आना जाना रहता तो हम ट्रेन से क्यों आते जाते. ट्रेनें रद्द होने से हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रोज सुबह ऑफिस जाने के लिए हमें एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार करना पड़ रहा है. अगर ट्रेन समय पर ना हो तो ऑफिस पहुंचने में भी लेट हो जाता है.
पैसेंजर ट्रेन बंद होने से दो-तीन बस बदलना पड़ता है: रायपुर के यात्री मानवेंद्र तिवारी कहते हैं कि, कोरोना के समय सरकार गाइडलाइन का हवाला देते हुए कम ट्रेन संचालित कर रही थी. लेकिन अब तो सब ठीक हो चुका है. राज्य सरकार ने गाइडलाइन में भी छूट दे दी है. बावजूद इसके ट्रेनें क्यों नहीं चल रही है. ट्रेनें नहीं चलने से हमलोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. रेलवे स्टेशन से बस स्टैंड भी लगभग 10 किलोमीटर दूर है. अगर ट्रेन छूट जाती है तो बस स्टैंड तक हमें ऑटो से जाना पड़ता है. उसके बाद 2 बस चेंज कर हमें घर जाना पड़ता है.