Parma Ekadashi Vrat 2023: मृगशिरा नक्षत्र के शुभ संयोग में मनाई जाएगी परमा एकादशी, जानिए इस व्रत की विधि और इसका महत्व - श्रीराम सहस्त्रनाम का पाठ
Parma Ekadashi Vrat 2023: मृगशिरा नक्षत्र के शुभ संयोग में परमा एकादशी मनाई जाएगी. इस दिन भगवान शिव के साथ विष्णु भगवान और कृष्ण भगवान की भी पूजा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस दिन सिद्धि योग होने के कारण तंत्र-साधना करने वालों को सिद्धि मिलेगी.
परमा एकादशी व्रत
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Published : Aug 5, 2023, 8:13 PM IST
पंडित विनीत शर्मा
रायपुर:पुरुषोत्तम मास काफी खास माना जाता है. इस माह में किए गए जप-अनुष्ठान का काफी महत्व होता है. अभी पुरुषोत्तम मास चल रहा है. 12 अगस्त को परमा एकादशी व्रत है. ये व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किया जाता है. इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. ये एकादशी शनिवार को शुभ मुहूर्त में मनाई जाएगी.
परमा एकादशी व्रत के दिन भगवान शिव का करें अभिषेक: परमा एकादशी के दिन सुबह-सुबह व्रत का संकल्प लें. एकासना फलाहारी, निर्जला उपवास अपनी क्षमता के अनुसार करें. इस दिन श्री हरि विष्णु को पूरे दिन स्मरण करना चाहिए. भगवान शिव के मंदिर जाकर इस दिन जल और दूध से अभिषेक करें. भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा का फूल, नीला फूल और नीले फूलों की माला चढ़ानी चाहिए. भगवान शिव की आराधना और साधना करनी चाहिए. भगवान कृष्ण को लड्डू आदि का भोग लगाना चाहिए. लक्ष्मी नारायण की पूजा करनी चाहिए.
ऐसे करें पूजा: इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर योग, ध्यान के बाद स्नान कर साफ कपड़े पहनना चाहिए. फिर भगवान की आराधना करनी चाहिए. साफ मन से भगवान को स्मरण करना चाहिए. राधे-कृष्ण भगवान की पूजा करनी चाहिए. कृष्ण सहस्त्रनाम, श्री विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीराम सहस्त्रनाम का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है.
पुरुषोत्तम मास में दूसरे सावन के कृष्ण पक्ष में यह एकादशी मनाई जाएगी. शनिवार मृगशिरा नक्षत्र हर्षण योग बालव और कौलव करण वज्र योग बन रहा है. मिथुन राशि के चंद्रमा में ये एकादशी मनाई जाएगी. इसे पुरुषोत्तम एकादशी भी कहते हैं. मृगशिरा नक्षत्र में यंत्र स्थापन, यंत्र कर्म, आरंभ धान्य छेदन आदि के मुहूर्त है. सुबह के बाद आद्रा नक्षत्र का भी प्रभाव रहेगा. -विनीत शर्मा, पंडित
इस दिन सिद्धि योग:परमा एकादशी के दिन सिद्धि योग भी है. इस दिन सिद्धि पाने के लिए भी तंत्र-साधना किया जाता है. कहते हैं इस दिन तंत्र-साधना से सिद्धि की प्राप्ति होती है. इस एकादशी के दिन गंगा के तट या फिर संगम तट जैसे प्रयागराज आदि पवित्र जगहों पर जाने से खास लाभ मिलता है.