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लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की मौत का मामला, संसदीय सचिव ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप - Raipur latest news

लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की मौत के मामले में संसदीय सचिव और रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना तैयारी के लॉकडाउन की गई थी, जिसकी वजह से मजदूरों की मौत हुई है. इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

MLA of Raipur West
विधायक विकास उपाध्याय

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Published : Sep 17, 2020, 9:11 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 12:34 PM IST

रायपुर:संसदीय सचिव और रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को इस बात की भी जानकारी नहीं है कि कोरोना महामारी के कारण देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है. विकास उपाध्याय ने दावा किया कि 24 मार्च से 4 जुलाई के बीच 971 मजदूरों की जानें गईं और उनके पास प्रतिदिन के मौत के आंकड़े मौजूद हैं.

विकास उपाध्याय के केंद्र सरकार पर आरोप

विकास उपाध्याय ने कहा कि मोदी सरकार मृतक मजदूरों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की घोषणा करे. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो वे 971 मजदूरों की पूरी सूची विस्तृत विवरण के साथ जारी कर देंगे. विकास उपाध्याय ने कि कहा कि सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है, जिसमें विपक्ष ने लिखित रूप में श्रम मंत्रालय से पांच सवाल पूछे थे. उसी में एक सवाल था कि लॉकडाउन के दौरान क्या हजारों मजदूरों की मौत हुई थी. अगर ऐसा है तो इसकी विस्तृत जानकारी दी जाए. इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने संसद में अपने जवाब में कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई डेटा मौजूद नहीं है. ऐसा जवाब मोदी सरकार का बहुत ही गैर जिम्मेदाराना और मजदूरों को कीड़ा-मकोड़ा समझने वाली मानसिकता को दर्शाता है. विकास उपाध्याय ने कहा कि जिस सरकार को अपने ही देश में बगैर पूर्व तैयारी के लगाए गए लॉकडाउन के चलते बनी परिस्थितियों के कारण मजदूरों की हुई मौत के बारे में कोई जानकारी नहीं है, उसके बारे में क्मेंया कहा जाए.

'राहुल गांधी को नजरअंदाज करती रही मोदी सरकार'

विकास उपाध्याय ने कहा कि सरकार से जब ये पूछा गया कि कितने मजदूरों को मुआवजा दिया गया है, तो मंत्री का कहना था कि जब लॉकडाउन के दौरान मरने वाले मजदूरों के बारे में कोई डेटा ही मौजूद नहीं है, तो फिर मुआवजा देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. विकास ने कहा कि इस जवाब से साफ जाहिर है कि मजदूरों से मोदी सरकार पूरी तरह से पल्ला झाड़ना चाहती है. इतना ही नहीं मोदी सरकार के पास लॉकडाउन के कारण जाने वाली नौकरियों के बारे में भी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. विकास उपाध्याय ने कहा जिन नौजवानों ने रोजगार की उम्मीद में मोदी सरकार को कुर्सी पर बिठाया, आज उन्हीं से केंद्र सरकार आंखें चुरा रही है. विकास उपाध्याय ने याद दिलाया कि जब 24-25 मार्च को देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया, तब भी हमारे नेता राहुल गांधी लॉकडाउन के तौर तरीकों पर सवाल उठाते रहे, पर मोदी सरकार इसे नजरअंदाज करती रही, जिसका नतीजा आज सबके सामने है.

12 करोड़ लोगों ने गंवाई नौकरियां

सरकार ने पहले कोरोना से लड़ने के लिए डिजास्टर एक्ट का सहारा लिया और फिर बाद में एपिडेमिक एक्ट लगाया, जो बहुत ही पुराना था. वो एक्ट नए दौर के लिए बना ही नहीं है, बावजूद मोदी सरकार ने इसके सहारे नैया पार करने की सोची और नतीजा ये कि आज प्रतिदिन 90 हजार से भी ज्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि 25 मार्च से 4 जुलाई तक 971 मजदूरों की मौतें हुईं, जिसमें 216 लोग भूख से, 209 लोग अपने घरों को जाते हुए रास्ते में दुर्घटनावश, 23 मजदूर रेल हादसे से, 33 थकान की वजह से, 80 मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में और 133 लोगों ने आत्महत्या की. वहीं 277 मजदूरों की अन्य कारणों से मौतें हुईं. इस बीच 12 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी, जिसके चलते ये पूरी तरह से बेरोजगार हो गए.

छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को मिले नौकरी

विकास उपाध्याय ने कहा कि वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस बात को लेकर भी बात करेंगे कि कोरोना महामारी के चलते जिस तरह से पूरे देश में करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं, निश्चित तौर पर इससे छत्तीसगढ़ के लोग भी प्रभावित हुए हैं. इसलिए छत्तीसगढ़ में नया कानून बनाया जाए कि प्रदेश में जितनी भी सरकारी नौकरियां निर्मित होंगी, विश्वविद्यालय से लेकर महाविद्यालय और स्कूलों तक, कलेक्ट्रेट से लेकर मंत्रालय तक सभी छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों के लिए ही आरक्षित हो. देश के अन्य राज्य के युवाओं को इसमें शामिल न किया जाए. इससे स्थानीय बेरोजगारी को समाप्त करने और आत्मनिर्भर बनने में प्रदेश और यहां के युवाओं को बल मिलेगा.

Last Updated : Sep 17, 2020, 12:34 PM IST

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