रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का संक्रमण तेज है. फिलहाल हर सेक्टर इससे प्रभावित है. लॉकडाउन के बाद से धीरे-धीरे सभी सेक्टरों को राहत देनी शुरू की गई. लेकिन शिक्षा से जुड़े सेक्टर अब भी प्रभावित हैं. संस्थानों को खोलने की इजाजत अब तक नहीं दी गई है. स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को बंद रखा गया है.
ऑनलाइन पढ़ाई में हो रही परेशानी शिक्षण संस्थानों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. सरकार इसके लिए विकल्प के तौर पर ऑनलाइन पढ़ाई और लाउस्पीकर से पढ़ाई पर जोर दे रही है. लेकिन इन विकल्पों के लिए हर जगह स्थिति समान्य नहीं है. राजधानी में भी कई इलाके हैं, जहां पढ़ाई लाउस्पीकर के जरिए शुरू नहीं हो सकी है. ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. लेकिन परिवार के पास एक ही फोन है. ऐसे में बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे. परिजनों को बच्चों के भविष्य की चिंता हो रही है.
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कोरोना काल में स्कूल खाली नहीं
समान्य दिनों की बात की जाए तो, हर साल 15 जून से स्कूल खुल जाया करते थे. लेकिन कोरोना काल में प्रदेश के कई स्कूलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. फिलहाल इन क्वॉरेंटाइन सेंटरों में लोग ठहरे हुए हैं. ऐसे में स्कूलों का संचालन नहीं हो सकता है. बच्चों की पढ़ाई के मामले में केंद्र सरकार ने भी अब तक शिक्षण संस्थाओं को लेकर कोई पहल नहीं की है.
बच्चों की पढ़ाई प्रभावित, अभिभावक परेशान
ETV भारत ने राजधानी में कुछ परिवारों से बातचीत की है. अभिभावकों से जाना कि आखिर बच्चों की पढ़ाई कैसे हो रही है. इस दौरान कई प्रकार की परेशानियां सामने आई. राजधानी में रहने वाले एक परिवार ने बताया कि फिलहाल बच्चे के स्कूल की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. लेकिन घर पर एक ही फोन है. जब पिता काम पर निकलते हैं तो फोन लेकर निकलते हैं. देर रात काम से घर लौटते हैं. जिसके बाद बच्चा पढ़ाई करता है. परिवार बच्चे की पढाई को लेकर चिंतित है.