रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा पेपरलेस होने की ओर (Chhattisgarh Assembly Will Be Paperless) आगे बढ़ रही है. इस कड़ी में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए अब विधानसभा सदस्यों (विधायकों) से ऑनलाइन प्रश्न मंगाने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए एक ऐप भी बनाया गया है. इतना ही नहीं ऑनलाइन प्रश्नों का जवाब भी संबंधित विभाग ऑनलाइन तरीके से ही देगा. इसके लिए विधायकों और संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है. आखिर क्या है यह ऑनलाइन व्यवस्था? किस तरह से छत्तीसगढ़ विधानसभा पेपरलेस होगी? इसमें किस तरह की दिक्कतें आ सकती हैं? इन दिक्कतों को दूर करने के लिए किस तरह की तैयारी की की गई है? इन सभी सवालों का जवाब दिया है छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े (Chhattisgarh Assembly Principal Secretary Chandrashekhar Gangrade) ने. आइये जानते हैं आखिर क्या कहा उन्होंने.
पेपरलेस होगी छत्तीसगढ़ विधानसभा सवाल :छत्तीसगढ़ विधानसभा में ऑनलाइन की एक नई व्यवस्था लागू की गई है. यह किस तरह की व्यवस्था है और यह काम कैसे करेगी?
जवाब : विधायकों द्वारा पहले विधानसभा में जो प्रश्नों की सूचना दी जाती थी, वह लिखित रूप में दी जाती थी. या फिर विधायक खुद उपस्थित होकर सवाल देते थे, लेकिन बीते दिनों कोरोना काल के दौरान हो रही असुविधा को देखते हुए ई-मेल से प्रश्न भेजने की व्यवस्था की गई थी. अब विधानसभा को पेपरलेस करने की पहल की जा रही है. इसी के मद्देनजर विधानसभा अध्यक्ष ने यह निर्देश दिये हैं कि प्रश्न की सूचना ऑनलाइन प्राप्त करने की कार्यवाही आगे बढ़ाई जाए. इसके लिए एनआईसी के माध्यम से एक एप्लीकेशन तैयार कराया गया है. अब प्रश्नों की सूचना विधानसभा सदस्यों द्वारा ऑनलाइन घर बैठे ही दी जाएगी. उनको फिजिकल रूप से आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पेपर वर्क की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. जैसे ही प्रश्न की सूचना हमारे पास आएगी, हम उसी एप्लीकेशन का उपयोग करते हुए प्रश्नों को उत्तर के लिए सरकार को भेज देंगे. सरकार से भी हमें अपेक्षा है कि वह प्रश्नों के उत्तर ऑनलाइन ही भेजे. इसके बाद जो प्रिंटिंग प्रेस भेजने की व्यवस्था की जाती थी, उसे भी अब ऑनलाइन कर दिया गया है. यहां से सीधे प्रश्न-उत्तर कंपाइल कर प्रेस भेजेंगे और वहां से वह छपकर आ जाएंगे.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: डिजिटल तकनीक पर कांग्रेस का जोर, 10 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य सवाल :क्या यह माना जाए कि आगामी बजट सत्र ऑनलाइन रूप से ही संचालित होगा ?
जवाब :जी हां, इसी सत्र से हम यह प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहे हैं. यह सभी विधायकों के लिए पहला अवसर है तो हमने सभी विधायकों और उनके निजी सचिव के लिए एक प्रशिक्षण शिविर रखा था. उसमें करीब-करीब सारे विधायक फिजिकल रूप से मौजूद थे. कुछ वर्चुअल भी जुड़े थे और जो उनके निजी सहायक हैं, वे लोग भी जुड़े थे. उनको इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई है. उनको प्रश्नों की सूचना देने में कोई दिक्कत न हो इसलिए दो दिन का ट्रेनिंग सेशन भी रखा है. दो-तीन दिन तक वे प्रश्न कैसे विधानसभा को भेजे हैं और उसके बाद हमारे यहां क्या प्रक्रिया है, उसे आगे बढ़ाते हुए निराकरण किया जाएगा.
सवाल :कई विधायक ऐसे हैं, जो स्मार्ट और एंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. कुछ विधायक आधुनिक चीजों से वाकिफ भी नहीं हैं या फिर जहां इंटरनेट नहीं है तो उनके लिए क्या व्यवस्था की गई है?
जवाब :यहां जरूर थोड़ी तकनीकी दिक्कत रहेगी, लेकिन विधायक लोग खुद यह नहीं करते हैं. उनके जो निजी सहायक हैं, वह सभी काम करते हैं. आजकल के बच्चे स्मार्टफोन और एंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल करते हैं और विधायकों का काम भी वही लोग करते हैं. इसलिए किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी. बावजूद इसके ऑनलाइन प्रश्न भेजने में किसी तरह की दिक्कत आती है तो उसके लिए ऑफलाइन की व्यवस्था भी की गई है.
सवाल :क्या यह माना जाए कि छत्तीसगढ़ विधानसभा पेपरलेस की ओर आगे बढ़ रही है और उसी दिशा में यह अगला कदम है?
जवाब :अध्यक्ष महोदय के निर्देश पर यह पहल की गई है, जो हमारे लिए माइलस्टोन है. यह सफलतापूर्वक प्रारंभ हो जाएगा तो आगे विधानसभा को पेपरलेस करने के लिए काम किया जाएगा.
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सवाल :विधानसभा की कार्रवाई के दौरान बहुतायत में पेपर की आवश्यकता होती थी, उसके लिए काफी बजट खर्च होता था तो क्या यह माना जाए कि अब उसमें कमी आएगी?
जवाब :इससे पेपर और पैसे दोनों की बचत होगी. साथ ही समय और मैनपावर की बचत भी होगी. इसके अलावा ईंधन की भी बचत होगी. आने-जाने का समय बचेगा. जो सदस्य प्रश्न की सूचना देने आते हैं या फिर मंत्रालय सहित विभिन्न विभागों से उत्तर देने आते हैं, उनका समय और पेट्रोल दोनों बचेगा. इससे एंप्लाई की कार्य क्षमता भी बढ़ेगी. वह एक जगह बैठे-बैठे दो मिनट में सवाल भेज देंगे और जो आने-जाने में समय लगता था, उस समय में वह दूसरा काम कर पाएंगे.
सवाल :इस ऑनलाइन व्यवस्था को बनाने में आपको किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है ?
जवाब :मुझे नहीं लगता कि कोई चुनौती इसमें होगी, क्योंकि जो एप बनाया गया है वह काफी सरल है. स्टेप-बाई-स्टेप उस पर काम किया जा रहा है. यदि कोई उसे फॉलो करता जाएगा तो जिसे कंप्यूटर की जानकारी नहीं है, वह भी उस पर आसानी से काम कर सकेगा. इसलिए इसमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी. इसके लिए अभी प्रश्न लगाने और जवाब देने के लिए ट्रायल के तौर पर ऑनलाइन व्यवस्था की गई है. फिर भी शुरुआती तौर पर यदि किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो उसके लिए ऑफलाइन सवाल लेने की व्यवस्था भी की गई है.
सवाल :आधुनिक संसाधनों का उपयोग न करने वाले विधायकों ने प्रश्न लगाने के लिए यदि किसी और का सहयोग दिया तो इससे उसकी गोपनीयता भंग होने का डर बना रहेगा ?
जवाब :इससे गोपनीयता भंग नहीं होगी. क्योंकि सदस्यों के निज सहायक ही मेंबर के स्थान पर काम करते हैं. वही प्रश्न बनाते हैं, उनके यहां से ही प्रश्न आते हैं. जो मेंबर विधायक से जुड़े रहते हैं, उनकी भी एक अपनी विश्वसनीयता होती है. जो प्रश्न है उसकी गोपनीयता बनाए रखना उनका काम भी है और अभी भी वे गोपनीयता बनाकर रखते हैं. आज तक ऐसा नहीं हुआ कि किसी सदस्य को प्रश्न बनाने दिया और उसकी गोपनीयता उसके द्वारा भंग की गई हो. इसमें भी इस बात की संभावना नहीं रहेगी.
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सवाल :तो क्या यह माना जाए कि आगामी बजट सत्र के बाद जितने विधानसभा के सत्र बुलाए जाएंगे, वह सभी ऑनलाइन व्यवस्था के तहत ही होंगे ?
जवाब :जी हां सत्र निश्चित रूप से ऑनलाइन (Chhattisgarh Assembly Sessions Will Online After Budget Session) ही होगा. इसमें शासकीय कर्मचारियों के प्रशिक्षण का भी एक कार्यक्रम रखा गया था, उनको भी इस प्रक्रिया की जानकारी दी गई है. कैसे उनको प्रश्नों के उत्तर देना है, जो भी प्रक्रिया है वह स्टेप-बाइ-स्टेप समझा दिया गया है. इसके लिए भी डमी ऑनलाइन सेशन रखा गया है. 27 तारीख को हमने ट्रायल प्रश्नों की सूचना ऑनलाइन भेज दी है. एक तारीख तक उत्तर मंगाए हैं. इसमें एनआईसी और संसदीय कार्य विभाग का बहुत सहयोग है. संसदीय कार्य विभाग ने भी इसमें बड़ी रुचि ली है. उन्होंने हमारे काम में काफी सहयोग प्रदान किया है. इससे काम करने में बहुत सहूलियत होगी और आने वाले समय में विधानसभा के दूसरे कार्य ऑनलाइन किए जाएंगे.