पानीपत: हमें अक्सर हमारे आसपास के लोग ये कहते हैं कि आप अपने पिता, माता या फिर दादा-दादी के जैसे दिखते हो. कभी-कभी तो भाई और बहनों की शक्लें तक इतनी मेल खाती हैं कि लोग दोनों में अंतर तक नहीं कर पाते, ये इसलिए होता है क्योंकि हमें बहुत सी चीजें अपने परिवारवालों से जेनेटिकली मिलती हैं. चलिए आपको पानीपत के एक ऐसे परिवार से मिलाते हैं, जिन्हें उनके पूर्वजों से ऐसा कुछ जेनेटिकली मिला है जिसके लिए वो काफी सुर्खियों में हैं.
बीस से ज्यादा अंगुलियों वाला परिवार मिलिए बाबरपुर मंडी के अनोखे परिवार से
सामान्य तौर पर किसी व्यक्ति के हाथ और पैरों में 20 उंगुलियां होती हैं, लेकिन पानीपत जिले के बाबरपुर मंडी के कश्यप परिवार के ज्यादातर लोगों के हाथ-पैरों में 20 से ज्यादा उंगुलियां हैं. इस परिवार के लोगों का दावा है कि इनके परिवार के 175 से ज्यादा लोगों के हाथों और पैरों की उंगुलियां या तो 24 हैं या फिर 22 हैं.
अद्भुत गांव...अनोखी कहानी
सामान्य से ज्यादा उंगुलियां आने का ये सिलसिला शुरू कहां से हुआ? इसका भी एक अलग किस्सा है. परिवार के मुखिया सुखबीर ने बताया कि उनकी नानी की उंगलियां इस तरह की थी. बाद में उनके पांच भाइयों की उंगलियां भी ऐसी हो गईं. बाद में जो भी बच्चे घर में पैदा होते रहे उन सब की उंगलियां 6 थी. किसी के हाथ की तो किसी के पैरों में 6-6 उंगुलियां थी.
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कई पीढ़ियों से हैं सामान्य से ज्यादा उंगलियां
अब आपके जहन में भी ये सवाल उठ रहा होगा कि इस परिवार की लड़कियां जो शादी कर दूसरे घर चली जाती हैं तो क्या उनके बच्चे सामान्य उंगुलियों वाले होते हैं? या फिर उनके हाथ पैरों की उंगुलियां भी ज्यादा होती हैं. इस बारे में परिवार के लोगों ने कहा कि उनके नातियों के हाथ-पैरों की उंगुलिया भी 20 से ज्यादा ही आती हैं. फिर वो चाहे किसी भी गांव में क्यों ना रहते हों बाबरपुर मंडी के दूसरे लोगों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस परिवार में वो कई सालों से 20 से ज्यादा उंगुलियां देख रहे हैं. उन्हें अब इन्हें ऐसे देखने की आदत हो गई है.
क्या कहना है डॉक्टर का?
क्या सामान्य से ज्यादा उंगुलियों वाला ये परिवार किसी बीमारी का शिकार है? क्या इस तरह से ज्यादा उंगुलियां होने से परिवार के लोगों को कोई खतरा हो सकता है? इस बारे में हमने बात की डॉ. सुखदीप कौर से. जिन्होंने बताया कि इन अनुवांशिक उंगलियों से किसी प्रकार की कोई भी परेशानी नहीं होती, लेकिन ये एक बीमारी की श्रेणी में आता है जिसे पॉलीडैक्टली (polydactyly) कहा जाता है.
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डॉक्टर सुखदीप कौर की मानें तो वैसे इस बीमारी से किसी को कोई परेशानी होती नहीं है, लेकिन फिर भी अब इस परिवार के लोग अपने बच्चों की एक्सट्रा उंगुलियों को ऑपरेशन कर कटा रहे हैं ताकि आने वाले वक्त में उनके बच्चे सेना में भर्ती हो सकें.