भोपाल:मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग की ओर से मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में पंडवानी का आयोजन किया गया. आदिवासी लोककला और बोली विकास अकादमी द्वारा वरिष्ठ पंडवानी गायिका सुश्री शांतिबाई चेलक ने 'गायन' की प्रस्तुति दी.
पंडवानी एक छत्तीसगढ़ी लोकगायन शैली है. जिसका अर्थ है पाण्डव वाणी अर्थात पाण्डव कथा है. इसमें महाकाव्य महाभारत के पाण्डवों की कथा सुनाई जाती है, जिसमें सभी मुख्य किरदारों के शौर्य, पराक्रम और अन्य कथानकों को विशिष्ठ गायन शैली में गाया जाता है. भावपूर्ण अभिनय और आंगिक चेष्टाओं से भरी इस गायन परम्परा ने अपनी पहचान बनाई है. ये कथाएं छत्तीसगढ़ की परधान तथा देवार जातियों की गायन परंपरा का मान है.