रायपुर:पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (PRSU) के सभी काम अब ऑनलाइन (Pandit Ravi Shankar Shukla University will be digital ) होने जा रहे हैं. इसके लिए विश्वविद्यालय ने बाकायदा कमर कस ली है. चाहे छुट्टी के लिए आवेदन हो या फिर नोटशीट. हर काम को विश्वविद्यालय प्रशासन ने पेपरलेस करने की तैयारी कर ली है. मतलब साफ है कि PRSU अब पूरी तरह से कम्प्लीट ऑटोमेशन होगा. यूनिवर्सिटी प्रबंधन का दावा है कि ऑनलाइन सिस्टम से काम में तेजी आएगी. जो रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय को श्रेष्ठ संस्था बनाने की दिशा में कारगर साबित हो सकेगी.
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में सब काम डिजिटल होंगे पेपर लेस होगा विश्वविद्यालय का काम (PRSU will be paperless )
PRSU के कुलसचिव प्रो. गिरीशकांत पांडेय ने बताया कि यूनिवर्सिटी के सभी काम ऑनलाइन करने की दिशा में काम शुरू हो गया है. जिसे पूरा करने में डेढ़ साल लगेगा. यह करोड़ों रुपये का प्रोजेक्ट है. जिसे पूरा करने के लिए एक्सपर्ट के साथ ही दूसरे विश्वविद्यालय की भी मदद ली जाएगी. प्रबंधन की माने तो यूनिवर्सिटी की संपूर्ण पद्धति को व्यवस्थित करने के लिए ई गवर्नेंस में उन्नयन का निर्णय लिया गया है. विश्वविद्यालय का काम पूरी तरह पेपर लेस होगा. पूरा सिस्टम कंप्यूटरीकृत होगा. इससे डाटा इकट्ठा करना आसान होगा.
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जानकारी की माने तो पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय परिसर में विकास और भविष्य की उपयोगिता की दृष्टि से वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण कराया जाएगा. यह सर्वे छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के यूएपी के माध्यम से किया जाएगा. रविवि के कुलसचिव प्रोफेसर गिरीश कांत पांडे ने बताया कि 'विश्वविद्यालय प्रशासन हमेशा आधुनिक तकनीक को अपनाने में विश्वास करता है. उसी के संदर्भ में हमारे यहां कार्यपरिषद में यह निर्णय लिया गया है कि सभी काम पेपर लेस होना चाहिए. उसे पूरा करने के लिए हम पूरी व्यवस्था को कंप्यूटराइज कर रहे हैं. इसमें जितने भी परीक्षा संबंधी, प्रवेश संबंधी या नामांकन संबंधी या जितनी बैठकें होती है. यहां तक कि कोई कर्मचारी को छुट्टी लेना है तो उसके आवेदन भी वह ऑनलाइन माध्यम से अपने अधिकारी को भेजेगा. अधिकारी भी ऑनलाइन ही छुट्टी को सेंक्शन करेगा.
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में जल्द ही सारे काम ऑनलाइन होंगे कमेटी की देखरेख में होगा काम
प्रो पांडेय कहते हैं कि 'इसको सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति मिल चुकी है. अभी भी हमारे यहां करीब 16 प्रकार के काम ऑनलाइन माध्यम से संचालित हैं. यह सब अलग-अलग होते हैं, जिन्हें एक साथ मिलाकर किया जाएगा. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जा रहा है. जिसकी देखरेख में पूरा काम होगा. एक छोटे अधिकारी से लेकर कुलपति तक हर आदमी प्रत्येक फाइल के मूवमेंट पर नजर रख सकते हैं. यदि कोई फाइल कहीं पर अटका हुआ है तो आसानी से पता चल जाएगा कि फाइल कहां पर रुकी हुई है. जिसकी आसानी से मॉनिटरिंग हो सकेगी.