रायपुर :छत्तीसगढ़ में पंडो जनजाति (Pando Tribe) के लोगों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आलम यह है कि सूबे के बलरामपुर जिले में इन दिनों कोहराम मचा हुआ है. जानकारी के अनुसार इस जिले में एनीमिया की समस्या (Anemia Problem) भयावह बनी हुई है. चालू सितंबर महीने की ही बात करें तो अब तक दर्जनों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. सबसे भयावह नजारा यह है कि एक महीने में लगातार एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई है. इससे एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग (Health Department) पर सवालिया निशान लह रहा है, वहीं भाजपा राज्य सरकार पर हावी हो रही है. अब तक की हुई अधिकांश मौतों में मृतकों को मौत से पहले सही उपचार नहीं मिलना ही कारण रहा है. आर्थिक तंगी और समय पर समुचित इलाज नहीं मिल पाने के कारण पंडो जनजाति के लोग झाड़-फूंक से इलाज कराने लगते हैं, जिससे उनकी तबीयत और खराब हो जाती है.
अस्पताल अधीक्षक ने हार्ट अटैक से मौत की जताई आशंका
इधर, बलरामपुर में लगातार हो रही पंडो जनजाति के लोगों की मौत के मामले में बलरापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि एक पंडो युवक को अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था. युवक को हाई बीपी व ब्रीदिंग डिफिकल्टी थी. सम्भवतः हार्ट अटैक की वजह से उसकी मौत हुई है.
बलरामपुर में एनीमिया की समस्या है विकराल
बलरामपुर रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत विमलापुर निवासी मनकुरी पंडो पति फजीहत पंडो (41 वर्ष) की मौत भी इलाज के दौरान हो गई थी. उसके शरीर में भी महज 8 ग्राम खून बचा था. आर्थिक तंगी के कारण वह अंधविश्वास में पड़कर झाड़-फूंक से ही इलाज करा रही थी.