रायपुर: आषाढ़ शुक्ल पक्ष को मनाई जाने वाली गुप्त नवरात्रि की पंचमी तिथि (Panchami of Gupt Navratri on 15th July) आज 15 जुलाई 2021 को है. इस दिन वरियान और मातंग योग बन रहे हैं. प्रातः काल चंद्रमा कन्या राशि में विराजमान रहेगा. आज ही के दिन श्री वल्लभाचार्य जी को वैराग्य गमन भी हुआ था. इस शुभ पंचमी को विद्या आरंभ, उपनयन संस्कार, अन्नप्राशन, बीजारोपण और हल चलाने के लिए अत्यंत ही शुभ माना गया है. शास्त्र कहता है कि इस दिन विद्या आरंभ करने से बच्चे मेधावी, ज्ञानवान और प्रवीण होते हैं. ऐसे बच्चों की बुद्धि असाधारण होती है. आज का दिन मंत्र और तंत्र सिद्धि के लिए भी अनुकूल माना जाता है.
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गुरू की सेवा करने से मिलेगा फल
गुप्त नवरात्रि की पंचमी के दिन गुरू की सेवा करना, उनके सान्निध्य में रहना, गुरू मंत्र प्राप्त करना, दीक्षा लेना, दिव्य मंत्रों की सिद्धि प्राप्त करना और मंत्रों की अद्भुत सिद्धि के लिए अहम माना गया है. आज के दिन यज्ञ, हवन, अग्निहोत्र कराना उत्तम माना जाता है. व्रतबंध यानी जनेऊ संस्कार का होना भी सौभाग्यवर्धक माना जाता है. जनेऊ की परंपरा वैज्ञानिक मानी जाती हैं. इसे कान के पीछे पहनने के पीछे भी वैज्ञानिक वजहें हैं. आज के दिन जनेऊ धारण करना बहुत ही विशेष महत्व रखता है.
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शुभ कार्य करने का शुभ दिन है आज
गुप्त पंचमी के दिन खेत में बीजारोपण और हल चलाना भी अत्यंत ही लाभप्रद होता है. वाणिज्य आरंभ, अन्नप्राशन, दोलारोहन के लिए भी स्थिति की महत्ता अद्वितीय है. गुरू और शनि महाराज वक्री होकर भ्रमण कर रहे हैं, इसलिए भीड़भाड़ से बचने का प्रयास होना चाहिए. स्वच्छता, वैक्सीनेशन, मास्क का धायन रखना उचित रहेगा. नीच राशि का मंगल सजगता और सावधानी की ओर प्रेरित कर रहा है.
गुप्त नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक पूजा का विधान
सात्विक मार्गी और तंत्र मार्गी दोनों ही इस गुप्त नवरात्रि पर्व को पूरी आस्था से मनाते हैं. मंत्रों की सिद्धि, व्रत, उपवास, दान, विवाह, पुंसवन सीमन्त विद्यारंभ संस्कार के लिए यह गुप्त नवरात्रि शुभ मानी जाती है. नवीन वस्त्र, वाहन को भी खरीदा-बेचा जा सकता है. इस दौरान व्यापार को बल मिलता है. 18 जुलाई 2021 को भड़ली नवमी के रूप में यह नवरात्रि समाप्त होगी.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली मानी जाती है. माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक महाविद्याओं को भी सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की जाती है. मान्यता है कि गुप्त नवरात्र में तंत्र-मंत्र, सिद्धि साधना कर मनुष्य दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त करता है. इस समय की गई साधना जल्दी फलदायी होती है. इस दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा गुप्त रूप से की जाती है.
इनकी करें पूजा
गुप्त नवरात्रि में मां काली, तारा देवी, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है.
गुप्त नवरात्रि में प्रयोग में आने वाली सामग्री
मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र, सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, लाल पुष्प, दूर्वा, मेहंदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, बंदनवार, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग, इलायची, कलश मिट्टी या पीतल का, हवन सामग्री, पूजन के लिए थाली, श्वेत वस्त्र, दूध, दही, ऋतुफल, सरसों सफेद और पीली, गंगाजल आदि.
गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि
● गुप्त नवरात्रि के दौरान आधी रात को मां दुर्गा की पूजा की जाती है.
● मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और चुनरी अर्पित करें.
● इसके बाद मां दुर्गा के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित करें.
● मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है.
● सरसों के तेल से दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए.
- दुर्गा सप्तशती का ऐसे करें पाठ
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए.
- बैठने के लिए कुश के आसन का प्रयोग करना चाहिए, अगर आपके पास कुश का आसन नहीं है, तो ऊन के बने हुए आसन का प्रयोग कर सकते हैं.
- पाठ शुरू करने से पहले गणेश जी एवं सभी देवगणों को प्रणाम करें. माथे पर चंदन या रोली का तिलक लगाएं.
- लाल पुष्प, अक्षत एवं जल मां को अर्पित करते हुए पाठ का संकल्प लें.
- इसके बाद पाठ को आरंभ करने से पहले उत्कीलन मंत्र का जाप करें. इस मंत्र को आरंभ और अंत में 21 बार जप करना चाहिए.
- इसके बाद मां दुर्गा का ध्यान करते हुए पाठ का आरंभ करें. इस तरह से मां दुर्गा सप्तशती का पाठ करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
- गुप्त नवरात्रि में करें ये उपाय
- सुबह-शाम दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
- दोनों वक्त की पूजा में लौंग और बताशे का भोग लगाएं.
- मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प ही चढ़ाएं.
- मां दुर्गा के विशिष्ट मंत्र 'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे' का सुबह-शाम 108 बार जप करें.
- गुप्त नवरात्रि में अपनी पूजा के बारे में किसी को न बताएं.
कठोर अनुशासन जरूरी
इस नवरात्रि में देवी भगवती के साधक व्रत के कठोर अनुशासन का पालन करते हैं. मान्यता है कि इस दिन गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए और किसी का अहित नहीं सोचना चाहिए. मन में सबके कल्याण की भावना होनी चाहिए.
जानिए गुप्त नवरात्रि में क्या करें और क्या नहीं
- गुप्त नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज का बिल्कुल सेवन नहीं करें.
- मां दुर्गा स्वयं एक नारी हैं, इसलिए नारी का सदैव सम्मान करें. जो लोग स्त्री का सम्मान नहीं करते, उन्हें माता की कृपा प्राप्त नहीं होती.
- नवरात्रि के दिनों में घर में क्लेश, द्वेष या अपमान नहीं करना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से बरकत नहीं होती है.
- नवरात्रि में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए. नौ दिनों तक सूर्योदय से साथ ही स्नान कर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए.
- नवरात्रि के दौरान काले रंग के वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए और ना ही चमड़े के बेल्ट या जूते पहनने चाहिए.
- मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटने चाहिए.
- नवरात्रि के दौरान बिस्तर पर नहीं बल्कि जमीन पर सोना चाहिए.
- घर पर आए किसी मेहमान या भिखारी का अपमान नहीं करना चाहिए.