रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के अपने 20 सालों में इस खरीफ विपणन वर्ष में प्रदेश में सबसे ज्यादा किसानों ने समर्थन मूल्य पर अब तक का सबसे ज्यादा धान बेचकर एक नया रिकार्ड कायम किया है.
वर्ष 2012-13 से लेकर अब तक के आंकड़ों की बात की जाए तो इस साल सबसे अधिक कुल 82 लाख 81 हजार 241 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है. राज्य में नई सरकार के गठन के बाद साल 2018-19 में 16 लाख 98 हजार 5 किसानों का पंजीयन हुआ और इसमें से 15 लाख 71 हजार 414 किसान अपना धान समर्थन मूल्य पर बेच चुके हैं. वहीं वर्ष 2012-13 में 14 लाख 79 हजार 152 किसानों ने अपना पंजीयन कराया था जिसमें से 10 लाख 8 हजार 562 किसानों से 71 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई थी.
धान खरीदी के आंकड़े
- 2013-14 में 16 लाख 43 हजार 103 किसानों ने अपना पंजीयन कराया था, जिसमें से 11 लाख 76 हजार 232 किसानों ने 79 लाख 72 हजार 156 मीट्रिक टन धान बेचा था.
- 2014-15 में राज्य के 12 लाख 52 हजार 355 किसानों का पंजीयन किया गया जिसमें 11 लाख 88 हजार 789 किसानों ने 63 लाख 10 हजार 424 मीट्रिक टन धान बेचा.
- 2015-16 में धान बेचने के लिए राज्य के 13 लाख 22 हजार 613 किसानों के पंजीयन किया गया, जिसमें 11 लाख 10 हजार 330 किसानों से 59 लाख 29 हजार 232 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई.
- 2016-17 में 15 लाख 14 हजार 823 किसानों का पंजीयन कर 13 लाख 27 हजार 944 किसानों से 69 लाख 59 हजार 59 मीट्रिक टन धान खरीदा गया.
- 2017-18 में राज्य के 15 लाख 77 हजार 332 किसानों का पंजीयन कर 12 लाख 6 हजार 264 किसानों से 56 लाख 88 हजार 938 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई.
धान बेचने वाले किसानों का प्रतिशत-
- वर्ष 2012-13 में 68.19 प्रतिशत
- वर्ष 2013-14 में 71.59 प्रतिशत
- वर्ष 2014-15 में 94.92 प्रतिशत
- वर्ष 2015-16 में 83.95 प्रतिशत
- वर्ष 2016-17 में 87.66 प्रतिशत
- वर्ष 2017-18 में 76.47 प्रतिशत
- वर्ष 2018-19 में 92.11 प्रतिशत
- वर्ष 2019-20 में 93.11 प्रतिशत
धान खरीदी की अवधि-
- 2012-13 में 1 नवंबर से 15 फरवरी तक धान खरीदी की गई.
- 2013-14 में 21 अक्टूबर से 15 फरवरी तक धान खरीदी की गई.
- 2014-15 में 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी की गई.
- 2015-16 में 16 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी की गई.
- 2016-17 और 2017-18 में 15 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी की गई.
- 2018-19 में 1 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी की गई.
- 2019-20 में 1 दिसंबर से 20 फरवरी तक किसानों से धान खरीदी का कार्य किया गया.