छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के सारे रिकॉर्ड टूटे, कस्टम मिलिंग का ग्राफ भी बढ़ा, किसानों की बल्ले बल्ले - कस्टम मिलिंग
Paddy purchase records छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. अभी धान परचेजिंग में एक पखवाड़े का समय बाकी है. उससे पहले ही अब तक 111.75 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है. Chhattisgarh Dhan Tihar
रायपुर: छत्तीसगढ़ में किसानों की बल्ले बल्ले है. पूरे राज्य में बंपर धान खरीदी हो रही है. अब तक छत्तीसगढ़ में कुल 111.75 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. किसानों के खाते में 23,448 करोड़ रूपए का भुगतान हो चुका है. जबकि धान खरीदी को अभी एक पखवाड़े का वक्त बाकी है. सरकार का दावा है कि पीएम मोदी की गारंटी को पूरा किया जा रहा है.
31 सौ रुपये प्रति क्विंटल में हो रही धान खरीदी: किसानों से धान खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल में हो रही है. प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है. जिसकी वजह से किसान लगातार धान बेच रहे हैं. अबतक किसानों की तरफ से रिकॉर्ड धान बेचे गए हैं. छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं ने धान खरीदी के मामले में बीते कई सालों के सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बंपर खरीदी के हालात तब हैं जब धान खरीदी में कुल 15 दिन का समय और बचा है.
सरकार ने धान खरीदी का क्या लक्ष्य रखा: सरकार ने धान खरीदी को लेकर साल 2023-24 में 130 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है. अब तक किसानों से सरकार ने 111.75 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की है. धान खरीदी में कुल 23448 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है. सीएम विष्णुदेव साय ने ऐलान किया था कि हम किसानों से नए दर पर खरीदी करेंगे. जो मोदी की गारंटी के तहत पहले घोषित थी. राज्य में एक नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत हुई थी. जो लगातार जारी है.
"छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर अब तक 21 लाख 266 किसानों से 111 लाख 75 हजार 247 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. इसके एवज में किसानों को 23 हजार 448 करोड़ रूपए से अधिक का पेमेंट किया गया है. कस्टम मिलिंग के तहत भी धान का उठाव जारी है. अब तक 92 लाख 5 हजार 247 मीट्रिक टन का उठाव हो गया है. मिलर्स ने भी 71 लाख 87 हजार 338 मीट्रिक टन धान का उठाव करने का काम किया है": महाप्रबंधक, मार्कफेड
साल 2022-23 में कितनी हुई थी धान खरीदी: साल 2022-23 में 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी. कुल 23 लाख से ज्यादा किसानों ने धान बेचा था. जबकि 22 हजार 067 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ था.