रायपुर:छत्तीसगढ़ में इस बार रिकॉर्ड तोड़ धान खरीदी हुई है. राज्य सरकार ने इस साल 90 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य को पूरा कर लिया है. प्रदेश में अबतक 91 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीदी की गई है.
धान खरीदी का रिकार्ड, लेकिन उठ रहे सवाल छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया था, लेकिन खरीदी दो दिन पहले ही बंद करने की बात चल रही है. इसे लेकर विपक्ष एक बार फिर हमलावर हो गई है. तय समय सीमा से पहले धान खरीदी बंद करने की वजह से विपक्ष को बैठे-बिठाये राजनीति और सियासत का मौका मिल मिल गया. प्रदेश में अभी भी 1 लाख किसान ऐसे हैं, जिनका पंजीयन तो हुआ है, लेकिन धान की बिक्री नहीं हो पाई है.
90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
राज्य में समर्थन मूल्य पर अबतक 91 लाख 87 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है. जबकि राज्य सरकार की ओर से 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. राज्य सरकार की तैयारियों की वजह से इस बार धान बेचने में ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ी है. नए खरीदी केंद्र बनने की वजह से सरकार ने निर्धारित लक्ष्य पहले ही पा लिया है. इस साल रिकॉर्ड तो बना, लेकिन अभी भी पंजीयन किए हुए किसान बचे हैं.
सरकार के लिए बड़ी चुनौती
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस बार रिकॉर्ड धान खरीदी कर अपने लक्ष्य का आंकड़ा पार कर लिया है, लेकिन अभी भी प्रदेश के करीब 1 लाख किसान ऐसे हैं, जिनका धान बिकना अभी बाकी है. ऐसे में सरकार के सामने एक दिन में इन बचे हुए किसानों से धान खरीदी करना चुनौतीपूर्ण काम दिख रहा है. दरअसल, धान की खरीदी 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक होनी है, लेकिन 30 को शनिवार और 31 जनवरी को रविवार होने के कारण धान की खरीदी प्रभावित रही. ऐसे में बचे हुए किसानों को धान खरीदी की चिंता सताने लगी है.
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21 लाख से ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन
2500 रुपये समर्थन मूल्य होने पर इस साल बड़ी संख्या में किसानों ने पंजीयन भी कराया है. प्रदेश में पंजीकृत किसानों की संख्या 19 लाख से बढ़कर 21 लाख 49 हजार तक हो गई है. जिस हिसाब से किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है, उस हिसाब से धान खरीदी का लक्ष्य नहीं बढ़ाया गया है. बीते साल करीब 84 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी. लगातार पंजीयन करने वाले किसानों का आंकड़ा बढ़ रहा है. कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि इस साल 96 प्रतिशत तक किसानों ने धान बेच लिया.
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पंजीकृत किसानों से धोखा का आरोप
पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार की नीति के चलते इस साल लगभग दो लाख ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया है. जब तक पंजीकृत किसानों से पूरा धान न खरीदा जाए तबतक धान खरीदी बंद नहीं होनी चाहिए. खरीदी केंद्रों में धान जमा हुआ है. उसका ट्रांसपोर्ट नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक एक-एक पंजीकृत किसान का धान न बीके धान खरीदी बंद नहीं होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो किसानों के साथ अन्याय होगा. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पहले ही किसानों का धान देरी से खरीदा गया है. ऐसे में धान खरीदी तय समय सीमा से पहेल खत्म करना सही नहीं है. धान खरीदी की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तय की गई थी. तब तक धान खरीदी की जानी चाहिए. यदि किसानों का धान नहीं खरीदा जाता तो भारतीय जनता पार्टी सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई लड़ेगी.
18 जिलो में लक्ष्य से ज्यादा धान की खरीदी
सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश के 28 जिलों में से 18 जिलों में लक्ष्य से अधिक खरीदी हो गई है. इसमें से नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर के 2 जिले बीजापुर और कांकेर को छोड़कर बाकी सभी जिलों में लक्ष्य से ज्यादा धान की खरीदी हो गई है. इसके अलावा गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, बेमेतरा, दुर्ग, कवर्धा, राजनांदगांव, बलरामपुर जशपुर, कोरिया और सूरजपुर समेत कई जिलों में अच्छी धान खरीदी हुई है.