रायपुर:कोरोना और लॉकडाउन ने दुनिया के हर सेक्टर को प्रभावित किया है. लॉकडाउन की वजह से फिल्म इंडस्ट्री भी बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है. करीब एक साल तक सिनोमा घर बंद रहने के बाद आधी सिटिंग कैपेसिटी के साथ खोला गया था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के साथ एक बार फिर से लगे लॉकडाउन ने पूरी इंडस्ट्री को लगभग बर्बाद ही कर दिया है. छत्तीसगढ़ में बीते एक महीने से लगे लॉकडाउन की वजह से कलाकारों की रोजी-रोटी छिन गई है. सिनेमाघर चलाने वाले कहते हैं कि कमाई एक रुपए की नहीं है और मेंटेनेंस में लाखों रुपए जा रहे हैं. इस एक महीने में ही पूरे प्रदेश में तकरीबन 50 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ है.
लॉकडाउन में लॉक हुआ कलाकारों की कमाई
कई ऐसे छत्तीसगढ़ी कलाकार हैं जिनकी रोजी-रोटी कला और फिल्म इंडस्ट्री के दम पर ही चल रही है. लॉकडाउन ने उनकी रोजी-रोटी छीन ली है. स्थानीय कलाकार यहां की सरकार और उनकी नीतियों से भी नाखुश हैं. कलाकारों का कहना है कि सरकार इस कोरोना काल में उनके लिए कुछ भी नहीं कर पा रही है. उनकी कमाई थिएटर और फिल्मों से ही होती है. ऐसे में दोनों ही बंद हैं. जिसके कारण उनके सामने पेट पालने का संकट खाड़ हो गया है.ल
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आर्थिक रूप से टूट चुका है कलाकार
छत्तीसगढ़ में सबसे बुरा हाल लोकमंच के कलाकारों का है. छत्तीसगढ़ी फिल्मों के एक्टर सलिम अंसारी बताते हैं, इस बार के लॉकडाउन में छत्तीसगढ़ी सिनेमा कलाकारों और लोकमंच कलाकारों के ऊपर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा है. छत्तीसगढ़ी सिमेना और लोकमंच के ज्यादातर कलाकारों के कमाई का जरिया सिर्फ थियेटर और फिल्म है, जो एक साल बाद फिर से एक महीने से बंद है. स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि कई कलाकारों को कर्ज लेकर घर चलाना पड़ रहा है. कुछ कलाकार छोटे-मोटे दूसरे काम भी करते हैं, लेकिन उससे भी घर चलना मुश्किल ही है. हालांकि छत्तीसगढ़ी सिनेमा इंडस्ट्री के कुछ लोगों की मदद की गई है, लेकिन एक परिवार को चलाने के लिए बहुत सारी जरूरतें होती हैं. खर्च के साथ-साथ कई जिम्मेदारियां होती हैं. आर्थिक रूप से छत्तीसगढ़ के कलाकार टूट से गए हैं. खासकर लोकमंच के जो कलाकार और वादक हैं, जिन्हें दूसरा कोई काम नहीं आता है. उनके लिए ये लॉकडाउन मानो बर्बादी लेकर आया है.
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