रायपुरःशिव (Shiv) की विशिष्ट मूर्तियों (Distinctive sculptures) में उनकी कल्याण सुंदर मूर्ति (Kalyan sundar murti) सबसे उत्कृष्ट प्रतिमा मानी जाती है. इसमें शिव-पार्वती के विवाह (Shiva-Parvatis marriage) का सफल चित्रण किया गया है, इसे कल्याण सुंदरमूर्ति (Kalyan sundar murti) के नाम से जाना जाता है. यह मूर्ति रायपुर (Raipur) के घासीदास संग्रहालय (Ghasidas Museum) में दर्शक दीर्घा (Darshak deergha) में रखी हुई है. बताया जाता है कि यह मूर्ति बिलासपुर (Bilaspur) जिले के रतनपुर (Ratanpur) से मिली थी.
शिव पार्वती के विवाह का असल चित्रण मूर्ति में शिव-पार्वती के विवाह का सुंदर दृश्य निहित
वहीं, छत्तीसगढ़ के शिल्पी भी इस रूप की रचना करने में पीछे नहीं है. इस मूर्ति में शिव-पार्वती के विवाह का सुंदर दृश्य है. दोनों एक दूसरे के सम्मुख खड़े हैं. शिव के 4 हाथ है, जिसमें तीन स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं. उनके ऊपर वाले हाथ में सर्प है और दाएं निचले हाथ से पार्वती का हाथ ग्रहण कर रहे हैं. जबकि बायां ऊपर वाला हाथ पार्वती के गले में है. वहीं, पार्वती के दो हाथ हैं, लेकिन ये खंडित हो गए. शिव के मस्तक पर जटा मुकुट कानों में कुंडल गले में हार, एकावली, हाथों में कंकण आदि आभूषण है.
EXCLUSIVE: छत्तीसगढ़ में भगवान राम के आने के सबूतों का दावा, यहां के कण-कण में बसे हैं श्रीराम
चौकी पर खड़े शिव-पार्वती
मूर्ति में पार्वती का जुड़ा बंधा हुआ है, जिसमें मुक्त माला लपेटी हुई है उनके शरीर पर अनेक आभूषण हैं. इन दोनों के शरीर का वस्त्र घुटनों तक है, जो कि विशेष प्रकार के वस्त्रों का आवरण प्रतीत होता है. शिव-पार्वती चौकी पर खड़े हैं. उनके ठीक नीचे शिव का वाहन नंदी है. शिव के दाहिने ओर अग्निकुंड है, जिसके पास ही ऊंचे आसन पर बैठे ब्रह्मा विवाह संपन्न कराने हेतु पुरोहित का कार्य कर रहे हैं. वर और वधू पक्ष के लोग चारों ओर खड़े हुए उनमें अनेक देव गंधर्व और शिव के गण भी है, लेकिन प्रतिमा स्पष्ट नहीं होने के कारण पहचान में नहीं आ रहे हैं.
कई पुराणों में वर्णित पार्वती की कठिन तपस्या
बता दें कि कल्याण सुंदर मूर्ति शिव की कल्याण सुंदर रूप वह रूप है जिसमें शिव-पार्वती के विवाह का चित्रण अंकित है. अनेक पुराणों में शिव-पार्वती के विवाह का वर्णन मिलता है. वैष्णव पुराणों में एक स्थान पर कहा जाता है कि पार्वती ने कठिन तपस्या के पश्चात शिव को प्राप्त किया था. शिव ने आनंदमग्न होकर उनका पाणिग्रहण किया इससे देव गण भी प्रसन्न हुए.
अनेकों संग्रहालय की मूर्तियों में प्रदर्शित
वहीं, कल्याण सुंदर रूप की अनेक प्रतिमाएं यत्र-तत्र प्राप्त होती है, जिसमें से ढाका के संग्रहालय में संरक्षित कल्याण सुंदर मूर्ति विशेष काले पत्थर से निर्मित है. जिसमें शिव जटा मुकुट धारण किए हुए. देव गणों के मध्य पार्वती के साथ प्रदर्शित है. जिसमें पार्वती वधु के रूप में प्रदर्शित इसी तरह तंजोर से कल्याण सुंदर की कांस्य प्रतिमा के कमल पुष्प पर शिव पार्वती खड़े हुए प्रदर्शित किया गया है. शिव के सिर पर जटा मुकुट कानो में कुंडल सर्प इत्यादि शोभित है. उनके समीप ही वधु के रूप में पार्वती खड़ी हुई है, अति सुंदर वेशभूषा में दर्शित है. इसी प्रकार कालंजर एवं अजयगढ़ में भी इसी प्रकार की प्रतिमा शिल्पाकित है.