रायपुर : छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) के बहाने बीजेपी पर निशाना साधा है. भारत देश के बंटवारे के लिए सीएम बघेल ने सावरकर को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि सबसे पहले देश को बांटने का प्रस्ताव (Proposal to Divide The Country) सावरकर ने दिया था. जिसे बाद में मुस्लिम लीग (Muslim League) ने अपनाया. उन्होंने कहा कि टू नेशन थ्योरी का जन्म सावरकर के प्रस्ताव से ही हुआ है. इसलिए देश के बंटवारे के लिए सावरकर जिम्मेदार हैं.
कांग्रेस और भाजपा आमने सामने सावरकर ने सबसे पहले देश को बांटा-सीएम बघेल
सीएम बघेल यहीं नहीं रुके उन्होंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के सावरकर वाले बयान को लेकर राजनाथ सिंह पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि उस समय सावरकर कहां थे और महात्मा गांधी कहां थे? सावरकर जेल में थे तो महात्मा गांधी की उनसे बात कैसे हुई? उन्होंने आगे कहा कि सावरकर ने दया याचिका दाखिल की और उसके बाद अंग्रेजों के साथ ही रहने लगे. 1925 में जेल से छूटने के बाद सावरकर ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 'टू नेशन थ्योरी' की वकालत की थी.
राजनाथ सिंह के इस बयान पर मचा है हंगामा
राजनाथ सिंह ने कहा था कि, वीर सावरकर को बदनाम करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने आजीवन कारावास के दौरान ब्रिटिश हुकूमत के समय दया याचिका दाखिल की थी. जबकि, उनसे दया याचिका के लिए महात्मा गांधी ने ही कहा था. उन्होंने कहा था सावरकर को हिंदूवादी बताया जाता है. सावरकर हिंदुत्व को मानते जरूर थे, लेकिन वे हिंदूवादी नहीं थे. वे राष्ट्रवादी थे. 20वीं सदी के सबसे बड़े सैनिक व रक्षा विशेषज्ञ थे.राजनाथ सिंह के इस बायन पर छत्तीसगढ़ के सीएम ने पलटवार करते हुए कहा है कि 'लो भला यह नई बात आ गई'.
वामपंथियों की गोद में खेल रही सरकार-बीजेपी
मुख्यमंत्री भूपेघ बघेल (Chief Minister Bhupegh Baghel) के सावरकर वाले बयान पर भाजपा (BJP) ने पलटवार किया है. भाजपा ने कहा है कि इतिहास की कमजोर जानकारी के कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने साथ-साथ अपनी पार्टी और अपनी सरकार की भी फजीहत करवा रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि इतिहास की कमजोर जानकारी के कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने साथ-साथ अपनी पार्टी और अपनी सरकार की भी फजीहत लगातार करवा रहे हैं. वास्तव में सावरकर जी को समझने के लिए इतिहास के उस पन्ने को पढ़ने की आवश्यकता है, जिसका अध्ययन अभी तक कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने नहीं किया है. देश के रक्षा मंत्री ने जो बात कही है, उसके प्रमाणित आधार हैं. उसी आधार पर इस बात को उन्होंने सबके सामने सार्वजनिक किया है. खुद महात्मा गांधी जी वीर सावरकर को वीर कहते थे.
सावरकर के पोते रंजीत बोले-मुझे नहीं लगता कि गांधी राष्ट्रपिता हैं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान के बाद कि आजादी के बाद वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चली थी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के यह कहने पर कि सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर दया याचिका दायर की थी, राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के सावरकर को राष्ट्रपिता के रूप में टिप्पणी पर वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि गांधी राष्ट्रपिता हैं. भारत जैसे देश का एक राष्ट्रपिता नहीं हो सकता है, हजारों ऐसे हैं जिन्हें भुला दिया गया है.
सावरकर के पोते ने कहा आजादी के बाद हजारों को भुलाया गया क्या कहा था ओवैसी ने ?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा वीर सावरकर को लेकर दिये बयान के बाद एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उनपर निशाना साधा. हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने आरोप लगाया कि देश में इतिहास को गलत तरीके से गढ़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि यह जारी रहा, तो वे महात्मा गांधी की जगह सावरकर को राष्ट्रपिता बना देंगे जिन पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया गया था. ओवैसी ने कहा है कि न्यायमूर्ति जीवन लाल कपूर की जांच में सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या में शामिल पाया गया था.
ओवैसी ने भी लिया आड़े हाथों