रायपुर: 26 जुलाई से छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Legislative Assembly) का मानसून सत्र Monsoon session शुरू होने जा रहा है. सत्र के दौरान विपक्ष धान खरीदी, धान समर्थन मूल्य, गोबर खरीदी, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है. हालांकि सत्ता पक्ष भी विपक्ष के सवालों का जोरदार जवाब देने की तैयारी में है.
विपक्ष की बात की जाए तो धान खरीदी के बाद राजीव गांधी न्याय योजना Rajiv Gandhi Nyay yojana का भुगतान न होने को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर सकती है. साथ ही धान की खेती को बढ़ावा देने के बदले बबूल की खेती के लिए प्रोत्साहित करने को मुद्दा बना सकती है. इसके अलावा किसानों को उच्च किस्म का बीज नहीं मिल रहा. धान संग्रहण केंद्रों में धान का भींगना भी विपक्ष के लिए प्रमुख मुद्दा होगा. प्रदेश में बेरोजगारी भत्ता न मिलने और 2 साल से भर्ती प्रक्रिया लंबित होने को लेकर भी सरकार पर दबाव बनाने के मूड में है. निर्माण कार्य में लगातार मिल रही शिकायतों और प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने का मन बना लिया है. सत्र को लेकर विपक्ष अभी से तैयारी में जुट गई है.
एक भी सत्र नहीं चला पूरे दिन
महज 5 बैठकों के लिए बुलाया गया विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार को चर्चा करना और सुझाव लेना चाहिए, ताकि कमियां सामने आए और सरकार अपनी व्यवस्थाओं को सुधार करे. इसके लिए सत्र जितना लंबा होगा वह प्रदेश के लिए भी और सरकार सहित विपक्ष के लिए भी उपयोगी होगा, लेकिन यह सरकार मुद्दों पर चर्चा नहीं करवाना चाहती. बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, शायद पिछले ढाई पौने तीन साल में एक भी सत्र ऐसा नहीं है, जिसको इन्होंने पूर्ण किया हो.
बिना वैक्सीनेशन विधायकों की विधानसभा में नो-एंट्री, 26 जुलाई से शुरू हो रहा है मानसून सत्र
विधानसभा में बढ़ गया है सरकार का हस्तक्षेप