रायपुर: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवे दिन अंडा और सोयाबीन पर विपक्ष ने सरकार को घेरा. विपक्ष ने सरकार से मिड डे मील और कुपोषण को लेकर सवाल किया. आदिवासी बहुल जिलों में अंडा वितरण को लेकर सरकार सदन में घिरती नजर आई.
विपक्ष के सवालों में घिरती दिखी सरकार
विपक्ष में बैठे विधायक कृष्ण मूर्ति बांधी ने सरकार से सवाल किया कि कितने जिलों में माध्याह्न भोजन के दौरान बच्चों को सोयाबीन परोसा जा रहा है. जिसके जवाब में मंत्री प्रेम साय ने कहा कि इनकी व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की जाती है न कि सरकार की तरफ से. फिर भी अंडा से लेकर सोयाबीन तक बच्चों को परोसे जा रहे हैं.
पढ़ें : छत्तीसगढ़ विधानसभा : विपक्ष ने गानों के जरिए सरकार पर कसा तंज
सोया मिल्क पर सरकार ने दिया जवाब
वहीं सोया मिल्क बांटे जाने के सवाल पर सरकार ने कहा कि सोया मिल्क मिड डे मील में नहीं बल्कि अलग से दिया जा रहा है. सोया मिल्क 6 जिलों में बांटे जा रहा है और धीरे-धीरे इसकी व्यव्स्था पूरे प्रदेश में कर दी जाएगी. इस जवाब पर एक बार विपक्ष ने मिल्क लाने से लेकर यातायात और इसे रखे जाने से लेकर बांटे जाने तक की व्यवस्था पर सावल उठाए. साथ ही यह भी कहा कि मिल्क की क्वालिटी खराब दी जा रही, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर बूरा असर पड़ रहा है.
सत्ता और विपक्ष में हुई नोक-झोक
इन सवालों के जवाब देते हुए प्रेम साय ने कहा कि दूध रखने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जा रही है. खाद्य मंत्री इस दौरान खड़े हो गए और कहा कि विपक्ष को अंडा और सोया मिल्क दोनों से आपत्ति हैं. इस पर कृष्ण मूर्ति बांधी ने कहा कि आप न तो कहीं अंडा दे रहे हैं और न सोया मिल्क. खाद्य मंत्री ने कहा कि बस्तर और सरगुजा में अंडा और सोया मिल्क बांटा जा रहा है.
आदिवासी जिलों के बारे में पूछा सवाल
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जो आदिवासी जिले हैं, वहां बलरामपुर, बस्तर, सुकमा, सरगुजा, जशपुर और कांकेर में कहां-कहां अंडा पहुंचाया जा रहा है. धरमलाल कौशिक ने कहा कि इन जिलों में अंडा नहीं दिया जा रहा है. विपक्ष ने कहा कि 'अंडा पर ये खाएंगे डंडा'. शिक्षा मंत्री ने कहा कि जहां-जहां आवश्कता है वहां दिया जा रहा है. कौशिक ने कहा कि जहां अंडे की सही में जरूरत है, वहां नहीं पहुंचाया जा रहा है.