रायपुर:छत्तीसगढ़ के जशपुर में बीते 2 अप्रैल को पहाड़ी कोरवा जनजाति के एक परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर लिया था. मामला उजागर होने के बाद से ही सियासत शुरू हो गई थी. इस मामले को लेकर भाजपा लगातार छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार पर हमलावर है. इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जांच समिति का गठन किया था. शनिवार को भाजपा जांच समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली. ईटीवी भारत ने भाजपा जांच समिति से बातचीत की. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कई खुलासे किए.
सवाल:आप सभी जांच कर वापस लौटे हैं? क्या चीजें, जांच में सामने आई है?
जवाब:कल 7 तारीख को रायपुर से 550 किलोमीटर दूर हमारी टीम जांच करने गई थी. एक पहाड़ी कोरवा परिवार, जिसमें पति-पत्नी ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ रोजगार के अभाव में फांसी लगा ली. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है. यह दर्दनाक हादसा है. राज्य में ऐसी घटना हो रही है. ये राज्य सरकार के लिए शर्म की बात है. अगर उनके राज्य में भूख से मौत होती है तो इससे बड़ी और कोई बात नहीं हो सकती. कल हमारी टीम ने बगीचा ब्लॉक के झुमरीडुमरी गांव जाकर गांव के लोगों से बातचीत की. सुदूर पहाड़ी इलाके में उनका घर है. वहां पीने का पानी, बिजली, सड़क नहीं है. स्कूल के लिए बच्चों को 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.
राशन लेने के लिए 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. लेकिन सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात होती है कि, भूख से किसी की मौत हो जाए. उसी जिले में मुख्यमंत्री का एक दिन पहले प्रवास होता है. लेकिन मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उस गांव में नहीं उतरता. उसी गांव के ऊपर से वह सरगुजा निकल जाते हैं. जशपुर में भी मुख्यमंत्री ने संवेदना नहीं व्यक्त की. राहत देना तो दूर की बात है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उत्तर प्रदेश में 50- 50 लाख का मुआवजा देते हैं. लेकिन घटना के 5 दिन बाद भी 50 हजार रुपए की भी घोषणा नहीं करते.
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सवाल:जांच टीम पीड़ित परिवार की किस तरह सहायता कर रही है?