छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

SPECIAL: महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर क्या कहते हैं EXPERTS

देश में आज दुष्कर्म की घटना दिन ब दिन भयाभह रुप अख्तियार करती जा रही है. देश के कोने में कोने में अपराध बदस्तूर बढ़ते ही जा रहे हैं. इस पर मनोवैज्ञानिक जेसी अजवानी का कहना है कि वेस्टर्न कल्चर को अपनाने से देश में अपराध बढ़ रहे हैं.

Opinions of intellectuals on rising crime in the country
देश में लगातार बढ़ रहा क्राइम का ग्राफ

By

Published : Dec 20, 2019, 3:53 PM IST

Updated : Dec 20, 2019, 4:05 PM IST

रायपुर:देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. मुल्क के हर प्रदेश, हर शहर, हर कोने से महिलाओं के खिलाफ होने वाले क्राइम ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर बल्कि कानून पर भी सवाल खड़े किए हैं. चाहे आप दिल्ली के निर्भया केस की बात करें या फिर हाल ही में हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर के साथ दरिंदगी की. निर्भया केस में इंसाफ का इंतजार और हैदराबाद में एनकाउंटर के बाद जहां एक तरफ नए सिरे से कानून में बदलाव की मांग उठी, तो वहीं उन वजहों को भी तलाशा गया कि आखिर लोगों की मानसिकता इतनी निर्दयी कैसे होती जा रही है, क्या वजह है कि लोगों के अंदर आपराधिक प्रवृत्ति घर कर रही है.

मनोवैज्ञानिक जेसी अजवानी का कहना है कि 'जितने भी रेप होते हैं. वह मानव के आवेग को नियंत्रण न कर पाने के अभाव में होते हैं. वे कहते हैं कि बुरी मानसिक प्रवृत्ति के लोग समाज को कई तरीके से नुकसान पहुंचाते हैं. मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि कठोर कानून से ऐसे लोगों के मन में डर बैठेगा'. जेसी अजवानी ने कहा कि 'कठोर कानून बनने से लोगों के दिमाग में ये बैठ जाएगा कि ऐसी गलती करने पर उन्हें कड़ा से कड़ा दंड मिलेगा, जिससे वे अपराध करने का विचार दिमाग में नहीं लाएंगे'.

'सेक्स एजुकेशन देना जरूरी'
तीसरी और सबसे प्रमुख वजह एजुकेशन को बताया गया है, क्योंकि बचपन से हमें सेक्स एजुकेशन के बारे में ज्यादा नहीं पढ़ाया जाता. जिसके कारण हमें इसकी ज्यादा जानकारी नहीं होती है. इससे उन्हें पता नहीं चलता कि उनका दायरा कितना है और उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना है.

देखिए महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों पर क्या कहते हैं EXPERTS

'पश्चिमी सभ्यता और मोबाइल जिम्मेदार'
वहीं देश में बढ़ते रेप की वारदातों को लेकर जब हमने मोटिवेशनल स्पीकर अलक्षेंद्र मोगरे से बात की तो उन्होंने कहा कि 'यह बहुत गंभीर समस्या है. देश में जो हमने वेस्टर्न कल्चर को अपनाया है इससे अपराध बढ़ रहा है. उन्होंने मोबाइल और फ्री साइट्स को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. मोगरे ने कहा कि आजकल दो मिनट के अंदर इंसान के हाथ में अश्लील सामग्री होती है, जिससे व्यक्ति खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाता और इस तरह की वारदात को अंजाम देता है.

उम्मीद है नई सुबह की
बहरहाल अचानक से देश में ऐसा सवेरा नहीं हो सकता कि लोगों की आपराधिक प्रवृत्ति एक झटके में खत्म हो जाए. जरूरत है एक स्वस्थ समाज और कठोर से कठोर और त्वरित इंसाफ देने वाले कानून की, जिससे लोग महिलाओं के प्रति अपराध करना तो दूर सोचने से भी घबराएं.

वेस्टर्न कल्चर को अपनाने से बढ़ा अपराध
वहीं देश में बढ़ती रेप की वारदातों को लेकर जब हमने मोटिवेशनल स्पीकर अलक्षेंद्र मोगरे से बातचीत की, तो उनका कहना है कि 'यह बहुत गंभीर समस्या है, जिसका निवारण जल्द से जल्द होना चाहिए.

बढ़ते अपराध के कुछ प्रमुख कारण

  • जैसे कि हम वेस्टर्न कल्चर को अपनाते जा रहे हैं. अपने कल्चर को भूलते जा रहे हैं. जिसके कारण हमारी सोच भी परिवर्तित हो रही है. इसी कारण से कुछ ऐसे लोग हैं, जिसकी सोच गलत दिशा की तरफ बढ़ते जा रही है.
  • दूसरा कारण मोबाइल एडिक्शन है क्योंकि मोबाइल में काफी ऐसे एप्लीकेशंस हैं, जिसमें महिलाओं को लेकर शो दिखाए जाते हैं. जिसको देख के लोगों की सोच बदल जाती है. यह सोच समाज और महिलाओं के लिए काफी हानिकारक है.
  • तीसरी और सबसे प्रमुख वजह एजुकेशन को बताया गया है, क्योंकि बचपन से हमें सेक्स एजुकेशन के बारे में ज्यादा नहीं पढ़ाया जाता. जिसके कारण हमें इसकी ज्यादा जानकारी नहीं होती है. इससे उन्हें पता नहीं चलता कि उनका दायरा कितना है और उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना है.

इसके निवारण के लिए क्या किया जा सकता है

  • आज जरूरत है कि माता-पिता अपने बच्चों के दोस्त बन कर रहें.
  • इससे बच्चे उनसे किसी भी बात को आसानी से शेयर कर सकें.
  • इससे माता-पिता और बच्चों में अच्छी दोस्ती बनी रहती है.
  • बच्चे की किसी तरह की गलती होने पर माता-पिता उन्हें समझा सकें, इससे आगे चलकर किसी तरह बड़ी गलती न करें.
  • बचपन से हमें जो शिक्षा दी जाती है, उसमें शास्त्रों-धर्मों और ग्रंथों के बारे में जानकारी दी जाए.
  • बच्चे अपने जमीर को पहचान पाए अपनी वैल्यू को जाने और ऐसी गलती करने से बचें.
  • परिजन बच्चों को कम से कम मोबाइल इस्तेमाल करने दें, जिससे बच्चे मोबाइल एडिक्टेड न बने और बाहर जाकर दुनिया को अच्छी तरह से पहचानें.
Last Updated : Dec 20, 2019, 4:05 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details