रायपुर: पूरे देश में सूर्य आराधना का पर्व मकर संक्रांति आज मनाया जा रहा है. इस दिन सूर्य का मकर राशि में आगमन होता है, जिसे उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है. आज ही के दिन से मांगलिक कार्य भी प्रारंभ हो जाते हैं. मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल का समय सुबह 8:13 से शाम 4:15 तक रहेगा. राजधानी के महादेव घाट पर सुबह से लोगों ने स्नान करने के साथ ही भगवान को तिल, तेल और गुड़ का दान किया. कोरोना की वजह से भक्तों की भीड़ कम नजर आई.
श्रद्धालुओं ने किया स्नान राजधानी के महादेव घाट पर लोगों ने सुबह से स्नान करने के साथ ही भगवान हटकेश्वर नाथ धाम में भोलेनाथ के दर्शन भी किए. भक्तों ने अपनी अपनी श्रद्धा के अनुसार भगवान भोलेनाथ को तिल, तेल और गुड़ का दान भी किया. पिछले साल की तुलना में इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से मंदिर और स्नान घाट में भक्तों की संख्या कम दिखाई पड़ी.
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मकर संक्रांति के इस पर्व में लोगों ने दान, स्नान, व्रत और भगवान की उपासना की. इस दिन गुड़, तिल, जौ आदि चीजें भगवान को अर्पण की जाती हैं.
ग्रहों का बहुत ही दुर्लभ संयोग
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार मकर संक्रांति के दिन सबसे खास बात यह है कि सूर्य के पुत्र शनि स्वयं अपने घर मकर राशि में गुरु महाराज बृहस्पति और ग्रहों के राजकुमार बुध एवं नक्षत्रपति चंद्रमा को साथ लेकर सूर्यदेव का मकर राशि में स्वागत करेंगे. ग्रहों का ऐसा संयोग बहुत ही दुर्लभ माना जाता है. ग्रहों के इस संयोग में स्वयं ग्रहों के राजा, गुरु, राजकुमार, न्यायाधीश और नक्षत्रपति साथ रहेंगे. सूर्य का प्रवेश श्रावण नक्षत्र में होगा, जिससे ध्वज नामक शुभ योग बनेगा. ग्रहों के राजा सूर्य सिंह पर सवार होकर मकर में संक्रमण करेंगे. ऐसे में राजनीति में सत्ता पक्ष का प्रभाव बढ़ेगा और देश में राजनीतिक उथल-पुथल हो सकती है.