रायपुर:शादी में बैंड बाजा न हो तो शादी का मजा किरकिरा हो जाता है. शादी में बैंड-बाजा का नाम सुनते ही सामने कई पुरुषों के धुमाल बजाते दृश्य उभर आते (Raipur Mahila Dhumal band Party) हैं. लेकिन रायपुर की महिलाएं भी अब शादी में धुमाल बैंड बजाती नजर आएंगी.अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का मौका है और ईटीवी भारत आपको उन महिलाओं से रू-ब-रू कराने जा रहा है जो समाज नज़ीर से कम नहीं. ऐसे में रायपुर महिलाओं की धुमाल पार्टी किसी से कम नहीं.
हर क्षेत्र से जुड़ रही महिलाएं
इस धुमाल पार्टी में बड़े अफसर, डॉक्टर, पुलिस से लेकर गृहणी तक धमाल मचा रहीं हैं. इनको धुमाल बजाते देख आप पुरुषों को भूल जाएंगे. रायपुर के लाखे नगर सहित आसपास की बस्तियों के अलावा शहर के अवंती विहार से लेकर गुढ़ियारी, संतोषी नगर, टिकरापारा, टैगोर नगर इलाके से महिलाएं चलकर यहां आती हैं और लाखे नगर मैदान में सुबह 2 घंटे अलग-अलग गानों की धुन पर धुमाल बजाने की प्रैक्टिस करती हैं. इन महिलाओं का धुमाल बजाने का अंदाज भी औरों से कुछ अलग है. इन्हें भारी-भरकम दिखने वाले वाद्य यंत्रों को बजाने के साथ ही उसकी धुन पर थिरकते भी देखा जा सकता है.यही कारण है कि ये धुमाल पार्टी आम से खास दिखती है.
सुरक्षा का अहसास दिलाएगा
शादी समारोह में अक्सर धुमाल की धुन पर महिलाएं भीड़ में नाचने लगती है. महिला धुमाल पार्टी होने से इन महिलाओं को भी सुरक्षा का अहसास होगा. जब महिलाएं ही धुमाल बजाएंगी तो फिर खुशी में नाचने वाली महिलाओं को भी किसी तरह का खतरा महसूस नहीं होगा. वो बेखौफ होकर शादी या अन्य समारोह में शामिल होकर थिरक सकती हैं. खास बात यह है कि इस धुमाल पार्टी की महिलाएं अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं. महिलाओं की इस धुमाल पार्टी में डॉक्टर, प्रोफेशर, लेबर इंस्पेक्टर सहित अलग-अलग सेक्टर की महिलाएं शामिल हैं.
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनी धुमाल पार्टी
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान समता सैनिक दल की अध्यक्षा रुक्मणी रामटेके कहती हैं कि आत्मनिर्भर भारत बने इसलिए हम महिलाओं को स्वावलंबी बनाना चाहते हैं. इसके लिए महिलाओं को धुमाल की ट्रेनिंग दे रहे हैं. कोराना काल में घरों में जो महिलाएं काम करने जाती थी, उनका रोजगार छूट गया था. ऐसे में हमने सोचा कि सब कुछ बंद होने के बावजूद शादी-विवाह बंद नहीं हुआ. बैंड- बाजा तो बराबर बजता रहता है. क्यों न महिलाओं को इससे जोड़कर रोजगार मुहैया कराया जाए. इस बारे में सोच कर हमने लोगों को जोड़ने का काम शुरू किया.