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Kite flying on Makar Sankranti :रायपुर भाठागांव मैदान में पतंगबाजी की परंपरा - मकर संक्रांति

रायपुर भाठागांव मैदान में पतंगबाजी की पुरानी परंपरा आज भी कायम है. करीब 150 साल से चली आ रही परंपरा का राजधानी रायपुर में निर्वहन किया जाता है.लोग दूर दूर से आकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी में अपना जौहर दिखाते हैं.बुजुर्गों के मुताबिक रायपुर में पतंगबाजों का अपना अलग ही अंदाज है.

Kite flying on Makar Sankranti
रायपुर भाठागांव मैदान में पतंगबाजी की परंपरा

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Published : Jan 13, 2023, 4:24 PM IST

रायपुर : 14 जनवरी को देश भर में मकर संक्रांति का पर्व धूम धाम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति के पर्व में पूजा अर्चना के साथ तिल गुड़ के दान का महत्व है. वहीं इस विशेष दिवस में पतंग उड़ाने की परम्परा है. रायपुर में पिछले 100 साल से अधिक समय से मकर संक्रांति के मौके पर पतंग उड़ाने की परंपरा है.राजधानी के ऐतिहासिक दशहरा मैदान रावणभाठा में हर साल मकर संक्रांति के मौके पर बड़ी संख्या में पतंगबाजी की जाती है. शहर के अलावा आसपास के गांवों से भी यहां लोग बड़ी संख्या में पतंगबाजी करने पहुंचते हैं.


क्या है स्थानीय लोगों का कहना :भाठागांव में रहने वाले स्थानीय निवासी शारदा प्रसाद सोनकर ने बताया " रावणभाठा दशहरा मैदान में पिछले कई सालों पतंगबाजी का कार्यक्रम होते आ रहा है, हर साल ही तरह भी इस बार लोग मकर संक्रांति के मौके पर पतन उड़ाने पहुंचते हैं, इस कार्यक्रम में शहर के साथ आस पास के गांव से लोग पहुंचते हैं और पतंगबाजी करते है. रावनभाठा मैदान में दशहरा मनाने की भी परंपरा बहुत पुरानी है.दशहरे के मौके में जहां भव्य आयोजन होता है. इसके साथ वहां पतंगबाजी का भी आयोजन किया जाता है.वहीं मकर संक्रांति के मौके पर भी यहां पतंगबाजी होती है. इस मैदान पर पहुंचते हैं और पतंगबाजी का आनंद उठाते हैं. भाठागांव के रहने वाले युवक बम्हा ने बताया कि " बचपन से रावण भाठा मैदान में पतंगबाजी की परंपरा देखते आ रहे हैं. यहां पर बड़े ही धूमधाम से मकर संक्रांति मनाई जाती है. लोग तिल गुड़ के लड्डू भी एक दूसरे को बांटते हैं. बड़ी संख्या में यहां लोग पतंग उड़ाने पहुंचते हैं.''

लोगों से पतंगबाजी करने की अपील :रावणभाठा दशहरा आयोजन समिति के संरक्षक और गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदरदास ने बताया " जब से श्री दूधाधारी मठ की स्थापना हुई है, तभी से रावणभाठा मैदान है. जहां विशेष रुप से मकर संक्रांति का उत्सव मनाया जाता है. इस मैदान में दशहरे के दिन भी पतंगबाजी होती है. मकर संक्रांति के पर्व के मौके पर बड़ी संख्या में लोग उत्साह के साथ रावणभाठा मैदान पहुंचते और पतंगबाजी कर मनोरंजन करते हैं. मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि जो पतंगबाजी करने की परम्परा है उसमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेवें और यह जो परिपाटी चली आ रही उसे आगे बढ़ावे.''

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150 साल पुराना इतिहास :रायपुर में रावणभाठा में 150 सालों से दशहरा का आयोजन किया जाता है. जानकारों का कहना है कि हर साल मकर संक्रांति में भी पतंगबाजी होती है. परम्परा को भी 150 साल हो गए हैं. इस दिन बड़ी संख्या में शहर के लोग पतंग उठाने यहां पहुंचते हैं. आज भी कई बुजुर्ग बीते दिनों को याद करके रोमांचित हो उठते हैं.पतंगबाजी की परंपरा भले ही देश के कुछ हिस्सों में ही जीवित हो.लेकिन देश के उन हिस्सों में रायपुर का भी नाम शुमार है.आज भी मकर संक्रांति और दशहरा पर्व पर लोग हाथों में मांझा और पतंग लिए मैदान की ओर रुख कर लेते हैं.

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