रायपुर: छत्तीसगढ़ में सरकारी अधिकारियों की पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है. वित्त विभाग ने पेंशन योजना में बदलाव की अधिसूचना को छत्तीसगढ़ के राजपत्र में प्रकाशित किया है. इसके साथ ही राज्य कर्मचारियों की कई सालों से चली आ रही पुरानी मांगें पूरी हो गई है. सीएम भूपेश बघेल ने इस योजना को लागू करने की घोषणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अपने बजटीय भाषण में की थी.
सीएम ने बजट में की थी घोषणा: नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत शासकीय सेवकों के वेतन से की जा रही 10% मासिक अंशदान की कटौती एक अप्रैल 2022 से समाप्त हो जाएगी. सामान्य भविष्य निधि नियम के अनुसार मूल वेतन की कम से कम 12% राशि सामान्य भविष्य निधि (GPF) के लिए काटी जाएगी. राज्य सरकार ने GPF खातों के ऑडिट का नियंत्रण भी महालेखाकार कार्यालय से वापस लेकर वित्त विभाग को दे दिया है. इसके लिए वित्त विभाग के तहत पेंशन एवं भविष्य निधि संचालनालय बनाया जाना है. जब तक यह नहीं बन जाता तब तक के लिए यह वित्त विभाग के नियंत्रण में संचालनालय कोष, लेखा एवं पेंशन के पास रहेगा.
राजस्थान के तर्ज पर छत्तीसगढ़ में की गई व्यवस्था: राजस्थान सरकार की अधिसूचना के मुताबिक छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि (GPF) का अकाउंट के रखरखाव और पेंशन से संबंधित सभी कार्यवाहियों के लिए अलग से एक संचालनालय बनाया जाएगा. इसका नाम संचालनालय, पेंशन एवं भविष्य निधि रखा जाना है. राजस्थान में भी सरकार ने ऐसी ही व्यवस्था बनाई है. वित्त विभाग के अफसरों ने नियम बनाने से पहले जयपुर जाकर राजस्थान सरकार की योजना का अध्ययन किया था.
छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना लागू होने से कर्मचारियों में उत्साह