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Bipolar Disorder Illness: ओडिशा के मंत्री का हत्यारा ASI बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार, जानिए क्या है ये बीमारी - बाइपोलर डिसऑर्डर

बाइपोलर डिसऑर्डर एक कॉम्प्लेक्स मानसिक बीमारी है, जिसमें रोगी का मन लगातार कई महीनों या हफ्तों तक या तो बहुत उदास रहता है या फिर बहुत ज्यादा उत्साहित रहता है. यह एक साइक्लिक डिसऑर्डर है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा बारी-बारी से दो अलग और विपरीत अवस्थाओं में आती जाती रहती है. हाल ही में ओडिशा के मंत्री की हत्या इसका एक जीता जागता उदाहरण है. जहां एएसआई गोपालकृष्ण दास ने मंत्री पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी.

Effect of bipolar disorder
ओडिशा के मंत्री का हत्यारा ASI बाइपोलर डिस्‍आर्डर का शिकार

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Published : Jan 31, 2023, 3:55 PM IST

रायपुर:ओडिशा राज्य में एक मंत्री नब किशोर दास की दिनदहाड़े उसी के सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी गोपालकृष्ण दास ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड से पूरा देश स्तब्ध था. हर कोई ये सोच रहा था कि आखिर वो कौन सी वजह है. जिसके कारण एक सुरक्षाकर्मी इस तरह का कदम उठाने के लिए मजबूर हुआ. मंत्री पर गोली चलाने के बाद तत्काल आरोपी एसआई को गिरफ्तार किया गया. लेकिन गिरफ्तारी के बाद जो तथ्य निकलकर अब सामने आ रहे हैं वो चौंकाने वाले हैं.क्योंकि एसआई ने मंत्री पर गोली किसी रंजिश के कारण नहीं बल्कि एक बीमारी की वजह से चलाई. जिसका नाम है बाइपोलर डिसऑर्डर है .

मानसिक बीमारी का चल रहा था इलाज :जिस एएसआई गोपालकृष्ण दास ने नब किशोर दास पर गोली चलाई थी, वो मानसिक बीमारी से जूझ रहा था. बरहमपुर स्थित MKCG मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल साइकेट्री डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर चंद्र शेखर त्रिपाठी ने बताया कि गोपालकृष्ण दास बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित था. डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि ''गोपालकृष्ण दास उनकी क्लिनिक पर आठ-दस साल पहले आया था. वो बहुत गुस्सैल है जिसका इलाज चल रहा था. गोपालकृष्ण की दवाईयां चल रही थी. लेकिन अब वो इन दवाइयों को ले रहा था या नहीं इस बारे में डॉक्टर भी कुछ नहीं कह पा रहे हैं. क्योंकि आखिरी बार वो कई साल पहले आया था.डॉक्टर के मुताबिक दवाइयां नहीं लेने पर मानसिक तनाव बढ़ने लगता है.''

क्या है बाइपोलर डिस्‍आर्डर :यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पीड़‍ित व्यक्ति के व्यवहार में तेजी से परिवर्तन आने लगता है. ऐसा व्‍यक्ति अचानक से तनाव में आ जाता है और उसका आत्‍मविश्‍वास एकदम से चरम पर हो जाता है. जबकि दूसरे ही पल में वह एकदम शांत हो जाता है. इस बीमारी में कई बार व्यक्ति चाहकर भी अपने व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रख पाता. आमतौर पर यह बीमारी नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों में पाई जाती है.

नींद की समस्‍या : यदि आपको नींद न आने की समस्‍या है तो आप बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रसित हो सकते हैं. ऐसे लोगों को ज्‍यादा डिप्रेशन की वजह से नींद नहीं आ पाती जिससे वह अकसर थकान महसूस करते हैं.

शराब का सेवन : बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्‍या अधिकतर उन लोगों में पायी जाती है जो शराब और नशीली दवाओं का उपयोग डिप्रेशन से बाहर आने के लिए करते हैं. ऐसे लोग शराब के इस्‍तेमाल से डिप्रेशन से बाहर तो नहीं आ पाते, बल्कि बाइपोलर डिसऑर्डर के शिकार हो जाते हैं.

ऊर्जा में कमी : बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित व्‍यक्ति का आम लक्षण होता है कि वह किसी कार्य को पूरा करने में असमर्थ महसूस करता है. इस रोग से ग्रस्‍त व्यक्ति अपनी पूरी ऊर्जा काम में नहीं लगा पाते हैं, जिससे उनके किसी भी काम के पूरा होने में परेशानी होती है. ऊर्जा की कमी के कारण ऐसे लोग एक समय में एक ही काम कर पाते हैं.

चिड़चिड़ापन में होता इजाफा : बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति में पागलपन और डिप्रेशन दोनों ही एक साथ दिखाई देते हैं. पागलपन और डिप्रेशन होने के कारण वह अक्सर चिड़चिड़े बने रहते हैं. उनका छोटी-छोटी बातों में चिड़चिड़ा व्‍यवहार करना आम होता है.चिड़चिड़ेपन के कारण ही उनके करीबी रिश्‍ते भी खराब हो जाते हैं.

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कल्‍पना में रहना :बाइपोलर डिसआर्डर से पी‍ड़‍ित व्‍यक्ति हमेशा अपने ख्‍यालों में खोया रहता है. वह अपने खयालों में न जाने कहां तक पहुंचा जाता है. ऐसे व्यक्ति के दिमाग में हजारों बातें चलती रहती हैं जिन पर उनका काबू नहीं रहता.

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