रायपुरःछत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur)के प्राचीनतम मंदिर श्री जैतू साव मठ (Sri Jaitu Sav Math) में गोवर्धन पूजा (Govardhan puja) का पर्व धूमधाम से मनाया गया. दरअसल, गोवर्धन पूजा के मौके पर हर वर्ष भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) और श्री कृष्ण (Sri Krishna) को छप्पन भोग (Chhappan bhog) लगाया जाता है. वहीं, पहले यहां भंडारे का भी आयोजन किया जाता था. हालांकि कोरोना संक्रमण (Corona infection) को देखते हुए भंडारे (Bhandara) के आयोजन पर रोक लग गई. लेकिन श्रद्धालुओं को पैकेट में में भंडारे का प्रसाद (Prasad) मिल जाता है.
Govardhan puja 2021: इस दिन खुश रहना है जरूरी, जानिए क्यों
सनातन धर्म में गौ माता (Gau maata) का बड़ा महत्व है. गौ माता और प्रकृति के संरक्षण के लिए भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में गोवर्धन पर्वत (Govardhan Parvat) को ही अपनी उंगली पर उठा लिया था. तब से लेकर आज तक गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है. इस साल भी हर साल की तरह मंदिर में पूजा के बाद महाआरती की गई.
250 सालों से मनाया जा रहा गोवर्धन पूजा का पर्व
बता दें कि रायपुर के जे तू सो मच में पिछले ढाई सौ वर्षों से गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है. इस मौके पर भगवान को छप्पन भोग लगाया जाता है और महाआरती की जाती है.
2 वर्ष से नहींं हुआ भंडारे का आयोजन