रायपुर: राजधानी में कोरोना के साथ-साथ पीलिया ने भी अपना प्रकोप दिखाया था. राजधानी में पीलिया से सैकड़ों लोग पीड़ित थे. राजधानी में इस गंभीर बीमारी ने 3 लोगों की जान भी ले ली, लेकिन अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. राजधानी में पीलिया के नए मामलों में कमी दिख रही है. वहीं एक्टिव मरीज भी ठीक हो रहे हैं.
पीलिया के बढ़ते मामलों का कारण गंदा सप्लाई वॉटर माना गया था. जांच में भी पानी गुणवत्ताहीन पाया गया था. ये पानी लोगों तक नगर निगम पहुंचा रहा था, जिसके बाद नगर निगम रायपुर ने खुद फिल्टर प्लांट में खामियां होने की बात स्वीकार भी कर ली थी. इसके साथ ही फिल्टर प्लांट में फिल्टर बेल्ट बदले का काम शुरू किया गया था. नालियों से होकर जाने वाली सप्लाई वॉटर लाइन को उठाने का काम भी शुरू किया गया. जिसके बाद शहर के लोगों ने राहत की सांस ली थी.
पीलिया के मरीजों की संख्या घटी लोग एक जगह जांच करवा रहे, इसलिए पीलिया की संख्या दिख रही : महापौर एजाज
मामले को लेकर CHMO डॉ मीरा बघेल ने बताया कि शुरुआती दिनों में जब पीलिया के आंकड़े बढ़ रहे थे, उस दौरान रोजाना मीडिया बुलेटिन जारी किया जा रहा था. वहीं अब पीलिया के मामलों में कमी आई है, इसलिए अब साप्ताहिक रिपोर्ट जारी की जा रही है. जो केसेज़ आ रहे हैं, उनमें भी बिलीरूबिन की मात्रा बेहद कम पाई गई है. जो सप्ताह भर में अपने आप ठीक हो जाने वाली है. इसमें कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि रायपुर शहर में 850 से ज्यादा पीलिया के मरीज सामने आए थे. अस्पतालों में लगभग 40 मरीज ही भर्ती हैं, जिनके जल्द ठीक होने की संभावना है.
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पीलिया के घटते मामलों को देखते हुए नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि पीलिया होने के बहुत सारे कारण होते हैं, लेकिन सभी ने नगर निगम के पानी को ही कारण बताया. फिर भी नगर निगम ने अपने उत्तरदायित्व को समझा और निगम के सारे संसाधनों को पीलिया को कंट्रोल में लाने में लगा दिया. जिसके बाद से काफी हद तक पीलिया कंट्रोल में है.