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'सरकार जबरदस्ती बच्चों को नहीं खिला रही अंडे, शाला संचालन समिति को निर्णय का हक'

मोहन मरकाम ने कहा कि सरकार ने शाला संचालन समिति को मामले में फैसला लेने का पूरा अधिकार दे दिया गया है. शाला संचालन समिति को जो ठीक लगे वो निर्णय ले और सरकार को सूचित करे.

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Published : Jul 18, 2019, 9:55 AM IST

Updated : Jul 18, 2019, 10:52 AM IST

मोतीलाल वोरा के साथ मोहन मरकाम.

रायपुर: प्रदेश में मध्याह्न भोजन को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कबीर पंथियों के धर्मगुरु प्रकाश मुनि ने इस पर अपना विरोध जताया है. इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट आदेश निकाला है कि किसी भी समुदाए की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए कार्रवाई नहीं की जाएगी.

न्यूज स्टोरी.

मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 40% बच्चे कुपोषित हैं. कहीं न कहीं सरकार ने विकल्प के तौर पर फल और दूध को रखा है. हम किसी भी समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं चाहते. बच्चों की सेहत को लेकर किसी भी प्रकार का विरोध होना गलत है. सरकार बच्चों को जबरदस्ती अंडे नहीं खिला रही है.

मरकान ने कहा कि सरकार ने शाला संचालन समिति को मामले में निर्णय लेने का पूरा अधिकार दे दिया गया है. शाला संचालन समिति को ठीक लगे वो निर्णय ले और सरकार को सूचित करे. कुपोषण दूर करने के लिए सरकार जब से मिड डे मील में अंडे शामिल करने का प्रस्ताव लेकर आई है, तभी से कबीर पंथियों ने इसका विरोध किया. वहीं बाद में जैन समाज भी इस विरोध में उतर आया.

Last Updated : Jul 18, 2019, 10:52 AM IST

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